छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के नाम से नया जिला बनाने का निर्णय मुख्यमन्त्री ने अपने शासन के तीसरे कार्यकाल में लिया था
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के गठन के सम्बन्ध में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को हटाये जाने के संंबंध में आज दिए गए आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा विगत 18 अगस्त को जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर की बहाली को स्थगित किए जाने का अन्तरिम आदेश पारित किया गया था। इसके क्रम में राज्य सरकार द्वारा मा0 सर्वाेच्च न्यायालय में विशेश अनुमति याचिका (एस0एल0पी0) दाखिल की गई थी।
सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मा0 सर्वाेच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा गया कि न्यायिक प्रक्रिया का तकाजा है कि 18 अगस्त को आदेश निर्गत करने के दौरान मा0 उच्च न्यायालय को अपने 11 अगस्त, 2010 के पूर्व निर्गत आदेश को भी संज्ञान में लेना चाहिए था। गौरतलब है कि दिनांक 11 अगस्त को मा0 उच्च न्यायालय द्वारा इसी प्रकार की दाखिल एक याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि मा0 सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार के पक्ष से सहमत होने के फलस्वरूप ही आज यह आदेश पारित किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि विगत 01 जुलाई, 2010 को उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में सम्पन्न मन्त्रिपरिषद की बैठक में जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर को बहाल करने का निर्णय लिया गया था। गौरतलब है कि छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के नाम से नया जिला बनाने का निर्णय मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने अपने शासन के तीसरे कार्यकाल में लिया था, जिसकी अधिसूचना 21 मई, 2003 को जारी की गई थी। तत्पश्चात् सारी औपचारिकताएं पूर्ण कर जिले का संचालन प्रारम्भ हो गया था। विभिन्न विभागों के कार्यालयों की स्थापना कर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई तथा जिले का संचालन लगभग छ: माह तक होता रहा।
सरकारी प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि 13 नवम्बर, 2003 की अधिसूचना द्वारा इस जनपद के गठन को निरस्त कर दिया गया था। इसके विरुद्ध मा0 उच्च न्यायालय में रिट याचिका संख्या-6077/2003 उमाशंकर पाण्डेय बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य दायर की गई थी। जिसमें मा0 उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 26 मार्च, 2010 को यह आदेश पारित किये गये थे कि याची द्वारा एक सप्ताह के अन्दर इस सम्बन्ध में अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा, जिस पर तीन माह के अन्दर राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा। आदेशों के अनुपालन में याची द्वारा अध्यक्ष, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में पुनर्गठन हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त समिति द्वारा सम्यक् रूप से विचारोपरान्त नये जनपद हेतु शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप होने के दृष्टिगत जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर को बहाल किये जाने की संस्तुति की गई।
प्रवक्ता ने कहा कि मन्त्रिपरिषद ने इस संस्तुति को स्वीकार करते हुए मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के समयबद्ध अनुपालन में जनपद रायबरेली व जनपद सुल्तानपुर के कतिपय क्षेत्रों को समावेश करके छत्रपति शाहूजी महाराज नगर जिला पुनस्Zथापित करने का निर्णय लिया, जिसका मुख्यालय गौरीगंज को बनाया गया। जनपद छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का क्षेत्रफल 3070 वर्ग कि0मी0 तथा इसमें 05 तहसीलें, 16 विकास खण्ड, 17 थाना एवं 401 लेखपाल क्षेत्र रखे गये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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