लक्ष्य से कम सिंचाई दर्ज कराने वाले प्रखण्डों के अभियन्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही होगी
प्रदेश के सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं को निर्धारित समय के अन्तर्गत पूरा किया जाय, जिससे उनका लाभ किसानों को मिल सके। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को पूरा करने हेतु पुनरीक्षित आगणन भेजने की परम्परा को समाप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य से कम सींच अधिकांश क्षेत्रों में रही है। उन्होंने कहा कि कम सींच दर्ज करने वाले प्रखण्डों को चििन्हत करके वहॉ के अभियन्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
श्री सिद्दीकी आज यहॉ बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ताओं, अधीक्षण अभियन्ताओं तथा अधीशासी अभियन्ताओं के साथ बैठक करके बुन्देलखण्ड क्षेत्र की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिये कि वाणसागर नहर परियोजना की फीडर चैनल माह अक्टूबर 2010 तक पूर्ण करके आगामी रबी फसल में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाय। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने हेतु ए0आई0बी0पी0 के अन्तर्गत भारत सरकार से मिलने वाली सहायता धनराशि को शीघ्र प्राप्त करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियन्ता को निर्देश दिये। बैठक में अवगत कराया गया कि अन्तर्राज्यीय कनहर, सिंचाई परियोजना के निर्माण के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार एवं झारखण्ड राज्यों से अनापत्ति प्राप्त हो चुकी है तथा यह योजना भारत सरकार में विचाराधीन है। उन्होंने निर्देश दिये कि योजना भारत सरकार से अनुमोदित कराने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाय। तदोपरान्त इस वर्ष बजट आवंटन के सापेक्ष इस परियोजना पर कार्य कराये जायें।
श्री सिद्दीकी ने यह निदेेZश दिये कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में इस वर्ष पूर्ण कराये गये लखेरी, सिजार, कुरार एवं रसिन बांध परियोजनाओं में जल संग्रह सुनिश्चित किया जाय तथा आगामी रबी फसल में परियोजनाओं से सिंचाई सुनिश्चित की जाय। यमुना नदी पर औगासी पम्प नहर परियोजना के विषय में उन्होंने निर्देश दिये कि इसका निर्माण कार्य मार्च 2011 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण किया जाय। यमुना नदी पर ही निर्माणाधीन चिल्लीमल लिफ्ट परियोजना के कार्य पर असन्तोष व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिये
कि इसका निर्माण कार्य तत्काल प्रारम्भ किया जाय तथा मार्च 2012 तक समस्त निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये जायें।
जनपद बान्दा में निर्माणाधीन बाढ़ परियोजनाओं की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सिंचाई मन्त्री ने निर्देश दिये कि इस वर्ष लक्षित कार्य प्रत्येक दशा में पूर्ण किये जायेंं। सिंचाई निर्माण खण्ड द्वितीय झांसी के अन्तर्गत अधीशाषी अभियन्ता के द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये।
श्री सिद्दीकी ने बुन्देलखण्ड में निर्माणाधीन लहचूरा बॉध, कचनौदा बॉध, अर्जुन सहायक परियोजना, पहाडी बॉध, इटारी बॉध, रोहिणी बॉध, भौरठ बॉध, जमरार बॉध, पहुंज बाध की परियोजनाओं की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि इनके कार्य में तेजी लाई जाय। सिंचाई मन्त्री ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मनरेगा की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसके अन्तर्गत अनुरक्षण तथा मूल निर्माण कार्य कराये जायें तथा इस सम्बन्ध में जिला स्तर पर समन्वय करके लक्ष्य के अनुरूप प्रगति प्राप्त की जाय। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं में लक्ष्य से कम की जा रही सींच पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त किया तथा यह निर्देश दिये कि इस वर्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खरीफ की फसल में सिंचाई निर्धारित लक्ष्य 1, 35, 000 हेक्टेयर से किसी भी दशा में कम नहीं होनी चाहिए। सिंचाई में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध उन्होंने कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई श्री किशन सिंह अटौरिया, प्रमुख अभियन्ता श्री देवेन्द्र मोहन तथा सुरेश तिवारी सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं मुख्य अभियन्ता उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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