लघु सिंचाई विभाग ने विगत तीन वषोZं में 506828 नि:शुल्क बोरिंग, 15645 मध्यम गहरी तथा 6149 गहरी बोरिंग कराकर 10.89 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की है। चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों को भी नवम्बर के आखिर तक पूरा करने को कहा गया है, जिससे रबी की सिंचाई में किसानों को समय से पानी मिल सके।
कठिन एवं गहरे स्ट्रेटा वाले क्षेत्रों हेतु वर्ष 2007-08 से स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जन जाति के किसानों को समूह में डा0 भीमराव अम्बेडकर नलकूप योजना में नलकूप निर्मित कराकर उपलब्ध कराये जा रहे है। सिंचाई समूह में 51 प्रतिशत लाभार्थी अनुसूचित जाति/ जन जाति के होते हैं, इनकी जोत भी समूह की जोत के 50 प्रतिशत से अधिक होगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/ जन जाति के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है।
यह जानकारी लघु सिंचाई राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री लखीराम नागर ने आज यहॉं मा0 मुख्य मन्त्री जी के निर्देंश पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति/जन जाति के कृषकों को सिंचाई की सुविधा पर पहले गहरे नलकूप हेतु रूपये 1.00 लाख का अनुदान था तथा शेष धनराशि रूपये 3.28 लाख रूपये कृषकों को स्वयं वहन करनी पड़ती थी जोकि इन किसानों द्वारा वहन किया जाना सम्भव नहीं था। अब नलकूप निर्माण पर शत प्रतिशत अधिकतम रूपये 4.28 लाख का अनुदान है। यदि निर्माण कार्य पर अतिरिक्त धनराशि आती है, तो उसे समूह के सदस्य अपनी जोत के अनुपात में लगायेंगे।
इस योजना हेतु 5 वर्ष के लिए 86.60 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत है। इस नलकूप योजना में वर्ष 2007-08 से तीन वित्तीय वषोZं में 605 नलकूप निर्मित किये गये तथा चालू वर्ष 2010-11 में 100 नलकूप निर्मित कराये जायेंगे। इस योजना में कम से कम 10 कृषकों का समूह बनेगा जिनके स्वामाित्व में कम से कम 10 हेक्टेयर भूमि हो। इस योजना में नलकूप का कमाण्ड एरिया न्यूनतम 20 हेक्टेयर का है। जिसमें समूह के कृषकों की भूमि के अतिरिक्त पास पड़ोस के कृषकों की भूमि, जिसकी सिंचाई समूह की समिति द्वारा किराये पर उपलब्ध कराई जायेगी, भी सम्मिलित होगी।
लघु सिंचाई की सामान्य योजना के बारे में श्री नागर ने आगे बताया कि प्रदेश के कठिन एवं गहरे स्ट्रेटा वाले क्षेत्रों में डा0 अम्बेडकर सामूहिक नलकूप योजना भी वर्ष 2007-08 से संचालित है, इस योजना में 5 वर्ष के लिए 38.70 करोड ़रूपये की धनराशि स्वीकृत है। इस योजना के अन्तर्गत गठित समूहों में कम से कम 51 प्रतिशत उपभोक्ता लघु/सीमान्त श्रेणी के कृषक शामिल होंगे तथा इसमें अनुसूचित जाति/जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग/ अल्पसंख्यक समुदाय/गरीबी रेखा के नीचे के/अन्य वर्ग के कृषकों को वरीयता दी जायेगी। इस योजना में लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 2.15 लाख प्रति नलकूप अनुदान है। नलकूप का रख-रखाव उपभोक्ता समूह करेगा तथा इसका कमाण्ड एरिया भी 20 हेक्टेयर होगा। इस योजना के लागू होने से लघु/सीमान्त एवं अन्य कमजोर वर्ग के किसानों को सिंचाई में सहायता मिलेगी और वे आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बी बन सकेंगे। इस योजना में भी कम से कम 10 किसानों का समूह बनाया जायेगा जिसके स्वामित्व में 10 हेक्टेयर भूमि होगी। इस योजना के चालू होने से तीन वर्ष में 413 नलकूप निर्मित किये गये तथा चालू वित्तीय वर्ष में 100 नलकूप निर्मित कराये जायेंगे।
राज्य मन्त्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को फसलों की सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के गहरे स्ट्रेटा वाले क्षेत्र में दोनों योजनायें अनुसूचति जाति/जन जाति तथा लघु/सीमान्त किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही हैं। सिंचन क्षमता बढ़ने से ये किसान अब ज्यादा पैदावार ले रहे हैं और उनकी आमदनी में इजाफा हुआ है। सरकार की मंशा है कि कृषि सुविधाओं में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोत्तरी हो जिससे आगामी 3 वषोZं में किसानों की कृषि से आमदनी दो गुनी हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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