उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की संवेदनशीलता तथा प्रयास से एक महिला को ससुरालीजनों की दहेज की मॉग तथा शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना से मुक्ति मिली है।
यह जानकारी आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती आभा अग्निहोत्री ने दी है। उन्होंने बताया कि सीतापुर निवासी श्री नरेश पुत्र श्री राम नरेश ने 18 जनवरी, 2010 को आयोग को प्रार्थना पत्र दिया कि उसकी बहन यशोदा ( काल्पनिक नाम) का विवाह 5 वर्ष पूर्व पिहानी-हरदोई निवासी श्री अतुल के साथ हुआ था। विवाह के पश्चात ससुरालीजनों द्वारा उनकी बहन को दहेज की अतिरिक्त मॉग को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा तथा सात-आठ माह पूर्व उनकी बहन को मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। बहन के मायके आने पर उन्होंने ससुराल पक्ष से मामला सुलझाने का प्रयास किया ताकि उनकी बहन ससुराल में रह सके एवं उसका वैवाहिक जीवन खराब न होने पाय,े परन्तु ससुराल वालों पर उसका कोई प्रभाव न पड़ा।
श्रीमती अग्निहोत्री ने बताया कि आयोग द्वारा इस घटना का गम्भीरता से संज्ञान लिया गया तथा पुलिस अधीक्षक, हरदोई से घटना की सम्पूर्ण जॉच कर आख्या मांगी गई। आख्या प्राप्त होने के बाद आयोग द्वारा दोनो पक्षों की काउिन्सलिंग की गई तथा साथ रहने के लिये प्रेरित किया गया।
आयोग द्वारा की जा रही नियमित कार्यवाही एवं परामर्श के फलस्वरूप कल दिनांक 17 अगस्त को महिला के पति श्री अतुल ने आयोग की अध्यक्षा के समक्ष उपस्थित होकर अपनी पत्नी को अपने घर ले जाकर सही ढंग से रखने, उसकी उचित देखभाल करने तथा मार-पीट न करने का लिखित शपथ-पत्र दिया।
इस तरह महिला आयोग ने एक महिला के बिखरते हुए वैवाहिक जीवन को दोबारा बसाने में मदद की। आयोग द्वारा प्रकरण पर सतर्क दृष्टि रखने एवं समझौते के अनुपालन की स्थिति की जानकारी हेतु दोनों पक्षों को आगामी 23 सितम्बर को आयोग में पुन: बुलाया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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