राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने तथा विकास कार्यों को गति को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनता की स्थानीय समस्याओं के समाधान की व्यवस्था को और भी प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस बात पर असन्तोष व्यक्त किया कि आज भी बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्यायें लेकर लखनऊ आते हैं, इससे स्पष्ट है कि जनपद स्तर पर उनकी सभी समस्याओं का प्रभावी निदान नहीं हो रहा है।
मुख्यमन्त्री आज यहां तिलक हाल में आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में प्रदेश की कानून-व्यवस्था तथा विकास कार्याें के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा कर रही थीं। लगभग दो घण्टे की बिन्दुवार विस्तृत समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
मुख्यमन्त्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि उन्होंने पहली समीक्षा बैठक में सरकार की प्राथमिकताएं तय करते हुए निर्देश दिए थे कि अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त तथा विकासयुक्त वातावरण बनाकर कानून द्वारा कानून का राज कायम करने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने पुन: स्पष्ट किया कि उनकी सरकार कानून व्यवस्था को सर्वाेच्च प्राथमिकता देती है और इस मामले में कोई समझौता नहीं करती। उन्होंने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि सरकार की इन प्राथमिकताओं को नज़रअन्दाज करने वालो को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनता से सीधे संवाद कायम करके उनकी समस्याओं का समाधान करें तथा अपने क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी भली-भान्ति रखें। उन्होंने कहा कि यदि इसमें कोई िढलाई बरती गई तो उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
सुश्री मायावती ने कहा कि आगे आने वाले महीनों में विभिन्न त्यौहार, पंचायती चुनाव एवं अन्य संवदेनशील मामलों को देखते हुए कानून-व्यवस्था पर कड़ी निगाह रखी जाए। उन्होंने संवेदनशील स्थलों का पहले से ही चिन्हीकरण करके कानून व्यवस्था के दृष्टिकोण से सभी मुकम्मल तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौके पर निर्णय लेने में विलम्ब के कारण अक्सर स्थिति खराब हो जाती है, इसलिए इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामले जमीन-जायदाद से जुड़े होते हैं, इसलिए ऐसे मामलों में तुरन्त कार्यवाही करके बड़ी घटनाओं को रोका जाना चाहिए।
उन्होंने साम्प्रदायिक स्थिति उत्पन्न होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए। उन्होंने थाना एवं तहसील दिवस को प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को थानों का नियमित निरीक्षण भी करते रहना चाहिए।
मुख्यमन्त्री ने जेलों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जेलों के निरीक्षण गहनता से किए जाने चाहिए तथा सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों पर निगाह रखी जाए। उन्होंने कहा कि जेल में निरूद्ध बिन्दयों की प्रकृति के अनुरूप पर्याप्त सतर्कता बरती जानी चाहिए।
सुश्री मायावती ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों जनहित की योजनाएं लागू की जा रही हैं, जिनका पूरा-पूरा लाभ लोगों को मिलना चाहिए। क्योंकि यह योजनाएं खासतौर से गरीब तबके के लोगों के लिए ही चलायी जा रही हैं और इन योजनाओं में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार अक्षम्य होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे-सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना, डॉ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना, उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना भी गरीबों, बालिकाओं तथा आम जनता से सीधे जुड़ी हुई हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन योजनाओं का लाभ जनता को दिलाने पर बल दिया।
मुख्यमन्त्री ने विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित अवधि के अनुसार बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग से जुड़ी हुई समस्याओं का तत्परता से निदान किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि व्यापारियों, कर्मचारियों तथा किसानों से जुड़ी हुई समस्याओं के प्रति सभी लोग संवेदनशील रहें तथा इनकी सभी समस्याओं का त्वरित एवं गुणवत्तापरक निदान सुनिश्चित किया जाए।
सुश्री मायावती ने किसानों की समस्याओं की चर्चा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनकी समस्याओं का तत्परता से निस्तारण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित मामलों के सम्बन्ध में किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों के हित सुरक्षित करने के लिए और भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित मामलों को तत्परता से निपटाने के लिए दो स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी, जिसमें छ: सदस्य होंगे तथा राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव, गृह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें तीन सदस्य होंगे। ।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि अब प्रत्येक माह की 10 तारीख को शासन स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठक में डी0एम0 और एस0एस0पी0 भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनता के लिए चलाये जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ उन्हें अवश्य दिलाया जाए। उन्होंने आगाह किया कि विकास कार्याें में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी भी अधिकारियों के स्तर से लापरवाही बरतने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, यह स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की शिकायतें मिलने पर उनकी जवाबदेही तय कर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में समस्त जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक, मण्डलायुक्त तथा पुलिस महानिदेशक सहित प्रमुख विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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