उप्र राजषिZ टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद को यूजीसी, डीईसी व एआईसीटीई ने मान्यता प्रदान की है। उक्त जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने बताया कि इसके साथ ही तीनों से मान्यता प्राप्त करने वाला यह देश का पहला मुक्त विश्वविद्यालय बन गया है। उप्र राजषिZ टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में इस समय करीब 80 शैक्षिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसमें बीएड, बीएड (विशिष्ट शिक्षा), बीए, एमए, एम क‚म, एमएससी, एमसीए, पीजीडीसीए, बीसीए, पीजीडीजेएमसी, एमजे, एकल विषय में स्नातक आदि के कार्यक्रम प्रमुख हैं। प्रो. राव ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास पहले से ही जरूरी अनुमतियां व मान्यताएं थीं। वैसे भी विश्वविद्यालय के संविधान के मुताबिक पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए इसे किसी विशेष अनुमति की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद पिछले दिनों एआईसीटीई, यूजीसी व डीईसी की संयुक्त समिति से निरीक्षण कराने का मामला उठा था। इसमें यहां तक कहा गया था कि संयुक्त समिति के अनुमोदन के बिना केन्द्र सरकार की सेवाओं के लिए डिग्री पात्र नहीं मानी जाएगी। देश में संचालित 14 मुक्त विश्वविद्यालयों में से राजषिZ टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय रहा जिसने इस मसले पर अपनी ओर से पहल की। विश्वविद्यालय ने अपनी ओर से इन सभी शैक्षिक कार्यक्रमों की ग्रेडिंग कराने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के क्रम में यूजीसी, एआईसीटीई व दूरस्थ शिक्षा परिषद (डीईसी) की संयुक्त समिति ने फरवरी में विश्वविद्यालय का दौरा किया था। इस समिति ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों व सलाहकारों के साथ ही छात्रों से भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की थी। इस समिति ने अब विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान कर दी है। समिति द्वारा अनुमोदित विषयों में एमबीए का पाठ्यक्रम भी शामिल है। प्रो. राव ने बताया कि समिति द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों को लेकर चल रहा भ्रम अब दूर हो जाएगा। प्रो. राव ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया 15 सितम्बर तक चलेगी। बीएड व एमबीए में प्रवेश परीक्षा के जरिए प्रवेश होगा। इन दोनों पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छह सितम्बर तक आवेदन किया जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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