फसल सतर्कता समूह की सलाह के अनुसार वषाZ ऋतु पशुओं में गलाघोंटू रोग के नियन्त्रक के लिए एच0एस0 वैक्सीन, बकारियों में पोकनी रोग से नियन्त्रण के लिए पी0पी0आर0 वैक्सीन से टीकाकरण करायें। तीन-तीन माह के बाद पशुओं को कृमिनाशी दवा पिलायें। फसलों, मत्स्य, पशुपालन, वानिकी आदि से सम्बन्धित वैज्ञानिकों की फसल सतर्कता समूह की बैठक आगामी 18 अगस्त को किसान मण्डी भवन में आयोजित की जायेगी।
फसल सतर्कता समूह के अनुसार पशुओं को स्वच्छ, सूखे स्थान पर रखें, उन्हें साफ पानी पिलायें। हरे चारे के प्रबन्धन के लिए ज्वार, लोबिया, मक्का, मकचरी, बाजरा आदि की बुआई का कार्य समाप्त करें। बरसात में चारे की फसल में दुर्गन्ध आने लगती है, रोग तथा कीट प्रकोप की सम्भावना अधिक रहती है इसके लिए चारे को धोकर कुटी बनाये। ब्याने वाले पशुओं को प्रतिदिन 50 ग्राम नमक एवं 50 ग्राम खड़िया खिलायें। रोगों से रक्षा के लिए पशुओं के नवजात शिशुओं को प्रतिदिन खींस तीन बराबर भागों में बॉटकर सुबह, दोपहर एवं शांम को पिलायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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