बहुजन समाज पार्टी सरकार के एजेण्डे में सिर्फ स्मारकों, पार्कोंे और मूर्तियों की स्थापना है। विधानमण्डल के दोनों सदनों में पारित बजट में केवल स्मारकों के लिए ही 491 करोड़ रूपये की व्यवस्था करने से इसकी पुष्टि हो गई है। राज्य सरकार को आम आदमी के हितों और प्रदेश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने कल विधानसभा में पारित बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उ0प्र0 की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई को स्मारकों, पार्कों और मूर्तियों के अनावश्यक निर्माण में खर्च करने के बजाय प्रदेश सरकार को भीषण मंहगाई से जूझ रही जनता के हितों के लिए और प्रदेश के विकास के लिए ठोस कार्य योजना बनानी चाहिए थी। उ0प्र0 का पूर्वांचल जहां बाढ़ से तबाह हो रहा है वहीं बुन्देलखण्ड भीषण सूखे की मार से उबर नहीं पा रहा है। प्रदेश सरकार के एक मन्त्री द्वारा पूर्वांचल के विकास और औद्योगिकीकरण के लिए 50करेाड़ की मांग करना हास्यास्पद ही नहीं पूर्वांचल की जनता के साथ भद्दा मजाक है, क्योकि इस सरकार में सबसे ज्यादा उपेक्षा पूर्वांचल की ही की गई है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि बुन्देलखण्ड को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार उपेक्षा की गई है उससे ऐसा लगता है कि बुन्देलखण्ड को केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये विशेष पैकेज के कारण बसपा सरकार उसके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कुल मिलाकर विधानमण्डल में पारित बजट से स्पष्ट होता है कि बसपा सरकार विकास के नाम पर सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रही है।
कांग्रेस शासनकाल में जहां गीडा, जौनपुर में यूपीएसआईडीसी की स्थापना की गई थी वहीं मिर्जापुर, भदोही में कालीन उद्योग, अकबरपुर का साड़ी उद्योग तथा सोनभद्र एवं मिर्जापुर के बिजलीघरों के निर्माण हुए थे। इतना ही नहीं कानपुर को विश्व मानचित्र पर औद्योगीकरण के क्षेत्र में `मिनी मानचेस्टर` के रूप में स्थापित करने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को ही है। किन्तु कानपुर में औद्योगिकीकरण एवं गैर कांग्रेसी सरकारों की उदासीनता के चलते बन्द पड़े मिलों के पुर्नरूद्धार के लिए राज्य सरकार ने बजट में कोई भी व्यवस्था नहीं की है। इतना ही नहीं बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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