भारतीय जनता पार्टी ने औद्योगिक मुनाफे के लिये जमीन अधिग्रहण का वाजिब विरोध करने वाले किसानों पर बर्बर पुलिस लाठीचार्ज व फायरिंग की घोर निन्दा की है। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने किसानों पर हुई फायरिंग और लाठीचार्ज के लिये राज्य सरकार को दोषी ठहराया है और कहा कि पुलिस ने बसपा सरकार के इशारे पर गोलियां चलाई। मथुरा जिले के नवझील क्षेत्र व हाथरस के सादाबाद तथा अलीगढ़ के तप्पल क्षेत्र के किसानों की जमीन जे0पी0 ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिये अधिग्रहीत की जा रही है। किसानों ने हाईवे के लिये अधिग्रहीत की गई जमीन का विरोध नहीं किया। लेकिन सरकार जे0पी0 ग्रुप को व्यावसायिक फायदा पहुंचाने के लिये किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रही है। किसान इसी प्रश्न पर आन्दोलित थे और उन पर गोली चलाई गई।
श्री दीक्षित ने कहा कि पुलिस ने आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता कालीचरण कटारिया को जबरन धकियाते हुए उठाकर ले जाने का घटिया प्रयास किया। आन्दोलनकारी किसान रोष में आये। राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस ने भयंकर लाठीचार्ज किया और आस पड़ोस के सभी गांव के किसानो को मारापीटा है। कायदे से आन्दोलनकारी किसानों के प्रतिनिधियों से सरकार के किसी प्रतिनिधि को बात करनी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने सीधे दमन का रास्ता चुना। पूरे राज्य की यही स्थिति है। भाजपा इसे बर्दास्त नहीं करेगी।
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार संवेदनहीन है। किसानों के गैरराजनीतिक आन्दोलनकारियों से भी वार्ता नहीं करती। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने पूरी घटना की जांच के लिये पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह, किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष सुशील शाक्य व विधायक जसपाल सिंह की त्रिसदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति 16 अगस्त को उक्त क्षेत्र का दौरा करेगी और इस मामले में अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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