प्रदेश में वर्ष 1991 की जनगणना के अनुसार प्रति 1000 पुरूषों पर 876 स्त्रियां थी, जिनकी संख्या वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार बढ़कर 898 हो गई है। लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या रोकने के लिए लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 तथा गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है।
प्रदेश के परिवार कल्याण मन्त्री श्री बाबू सिंह कुशवाहा ने आज विधान सभा में श्री श्यामदेव राय चौधरी द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने अनुपूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि लिंग परीक्षण व भ्रूण हत्या रोकने के लिए 7431 अल्ट्रसाउन्ड केन्द्रों का आकिस्मक निरीक्षण किया गया है, जिसमें से 428 केन्द्रों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए इन्हें सीज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम बार अपराध करने पर 3 वर्ष की सजा तथा 50 हजार रूपये का जुर्माना तथा द्वितीय अपराध पर 5 वर्ष की सजा तथा एक लाख रूपये के जुर्माने का प्राविधान है। उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री के निर्देंश पर अभियान चलाकर अल्ट्रासाउन्ड केन्द्रों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया की राज्य स्तर पर स्वास्थ्य मन्त्री की अध्यक्षता में राज्य सलाहकार समिति का गठन कर दिया गया है तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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