भारतीय जनता पार्टी ने शासनतन्त्र पर निरंकुशता का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अमला मनमानी पर उतर आया है। जिन लोगों पर सामाजिक दायित्व निभाने की जिम्मेदारी है, वे प्रदेश की सर्वोच्च सत्ता के इशारे पर हठधर्मिता पर उतारू हैं।
प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने आज सहारनपुर जनपद के पार्टी के पूर्व विधायक श्री लाजकृष्ण गांधी के छोटे भाई श्री भूषण गांधी की प्रशासनिक अराजकता के कारण हुई मृत्यु का उदाहरण दिया। वहां के सिटी मजिस्ट्रेट ने जब स्थानीय लोगों के साथ मनमानीपूर्ण ढंग से दुव्र्यवहार करना शुरू किया तो श्री गांधी ने इस कृत्य का विरोध किया, जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उनके साथ बदसलूकी व दुव्र्यवहार किया, जिसके कारण अचानक हृदयगति रूकने से श्री गांधी की मृत्यु हो गई। पार्टी ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए इसकी निन्दा की है। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही घटना की खबर पाते ही मौके पर पहुंचे।
श्री पाठक ने कहा कि प्रशासनिक आराजकता बसपा शासन का मूल ध्येय बन गया है। पिछले दिनों बस्ती जनपद में इसी प्रकार एक उपजिलाधिकारी के दुव्र्यवहार के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। अभी वह घटना थमी नहीं थी कि पिछले दिनों कानपुर में उपजिलाधिकारी द्वारा लेखपाल के साथ दुव्र्यवहार के कारण स्थानीय लेखपाल हड़ताल पर चले गये थे। अब सहारनपुर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक वर्दहस्त के चलते जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, स्थानीय प्रशासन निरंकुश होता जा रहा है।
प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक इस राज्य में जहां पुलिस हिरासत और हवालात में मौत का सिलसिला बढ़ा है, वही प्रशासनिक असंवेदनशीलता और अराजकता के कारण इस तरह की घटनायें जन्म ले रही हैं। सहारनपुर की घटना प्रशासनिक दुव्र्यवहार के कारण घटित हुई है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इस तरह की घटनायें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। दोषी अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक धारा में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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