लखनऊ कंाग्रेस विधान मण्डल दल के नेता प्रमोद तिवारी ने नियम 300 के अन्तर्गत औचित्य प्रश्न के तहत विधान सभा के अधिवेशन का मामला उठाते हुए तर्क दिये कि भारत के संविधान के अनुच्छेन्द 168(1) के तहत विधान सभा का गठन होता है। उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रतिक्रिया तथा कार्यसंचालन नियमावली 1958 के अध्याय चार के नियम 14 के अनुसार सभा के अधिवेशन अनुच्छेद 174 के अधीन महामहीम श्री राजपाल जी मन्त्री परिषद के आग्रह पर सदन के अधिवेशन को आहूत करते हेै। जिसमें साधारणतया प्रत्येक वर्ष में सभा के तीन अधिवेशन अर्थात आय व्ययक अधिवेशन वषाZकालीन अधिवेशन व शीतकालीन अधिवेशन और 90 दिन के उप वेशन होंगे। जिसमें यथासम्भव दो माह के अन्तराल पर कम से कम दस कार्यकारी दिवसेा के लिए विधान सभा सत्र बुलाया जायेगा। जिसमें मा0 सदस्यों को जनोपयोगी समंस्यओं को उठाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके । इधर काफी समय से इसका अनुपालन नही हो पा रहा हैं जिससे यहां मा0 सदस्य जनता की समस्याओं को नही उठा पाते है। वहीं इस से उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्यसंचालन नियमावाली 1958 के अध्याय 4 के नियम 14 के सभा अधिवेशन के अनुच्छेद 174 का उलंघन होता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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