प्रदेश की मायावती सरकार ने विधान सभा में आज वशZ 2010-11 के अनुपूरक बजट के नाम पर लूट और कमीशन की अनुपूरक मांगे रखी हैं। इसमें विकास की कोई नीयत नहीं है। यह बजट सूखा और बाढ़ से कराहते पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड की जनता के साथ क्रूर मजाक है और उनके जख्मों पर नमक डालनेवाला है। पूर्वांचल के लिए 50 करोड़ और बुन्देलखण्ड के लिए 10 करोड़ रूपयों का प्राविधान करनेवाली मुख्यमन्त्री मायावती ने पाकोZ, स्मारकों के विकास के लिए 500 करोड़ रूपयों की व्यवस्था कर बता दिया है कि उनसे विकास की उम्मीद पत्थरों से सिर फोड़ना है।
बजट में कांशीराम ग्रीन (ईको) गाडेZन,जेल रोड, लखनऊ के निर्माण हेतु 409,41,80,000 रू0 भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, गोमतीनगर प्रायोजना की सेंटेज चार्जेज के लिए 48,22,04,000 रू0 इसी स्थल के बाह्य विकास के लिए 9,46,98,000 रू0 तथा कांशीराम स्मारक स्थल प्रायोजना के सेंटेज चार्जेज के लिए 23,82,34,000 रू0 की मांग की गई है। इससे जाहिर है कि मुख्यमन्त्री का लोकतन्त्र या विधायिका की गरिमा में कतई विश्वास नहीं हैं बल्कि वह सिर्फ इसे अपनी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति का साधन मानती हैं। जनहित के बजाय वह अपने निजी वोट एजेन्डा पर काम करती हैं।
पिछले तीन सालों से बसपा सरकार विकास और कानून व्यवस्था के झूठे दावें करती रही है। कल बसपा के एक अज्ञात प्रवक्ता ने दावा किया कि बसपा राज में गुण्डों-माफियाओं के हौंसले पस्त हैं और विपक्षी मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए आरोप लगाते हैं। ऐसे अनर्गल आरोप भरा बयान किसी जिम्मेदार पार्टी के प्रवक्ता का नहीं हो सकता है। वे कैसे झुठलाएगें कि समाजवादी पार्टी के अलीगढ़ सदर विधायक श्री जमीरउल्ला को जानमाल की धमकी मिली। सरकार से गुहार के बावजूद उन्हें सुरक्षा नहीं मिली। गुण्डे स्वच्छन्द है। मायाराज मेें वे भयमुक्त है।
दूसरों पर आरोप लगाने से पहले बसपा के अनाम प्रवक्ता को चाहिए था कि वे डीजीपी कार्यालय से अपराध विवरण मंगवा लेते। प्रदेश को अपराधों में अव्वल होने का प्रमाण पत्र बसपा राज में मिला है। मानवाधिकारों के हनन में बड़ा नाम इस प्रदेश ने दलित बेटी के राज में ही कमाया है। महिलाओं और दलितों के साथ उत्पीड़न में भी मायावती राज में प्रदेश किसी से कम नहीं रहा है। फर्जी इन्काउंटरों में कितने थानों के कितने पुलिसकर्मी आरोपित हैं और कितनों के खिलाफ जांच चल रही है, इसका विवरण बसपा के सरकारी प्रवक्ता को देने में क्या हिचक हैर्षोर्षो
मुख्यमन्त्री ने स्वयं अपनी पार्टी से पांच सौ अपराधियों को निकालने का वायदा किया था। वह सूची आज तक जारी नहीं हुई। इस सरकार की प्राथमिकता करोड़ों के पार्क पत्थरों की है और आदमी की जिन्दगी की कीमत कौड़ियों भर मान ली गई है, ऐसी भ्रश्टाचार सरकार से जनता जल्दी निजात लेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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