भाजपा नेत्री के रूप में अलग पहचान बनाने वाली स्व्0 डा0 सीमा रिजवी की याद में राजधानी लखनऊ में एक जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राश्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने विधान परिशद सदस्य तथा उर्दू अकादमी की चेयरमैन रही बहुमुखी प्रतिभा की धनी डा0 सीमा रिजवी कोई याद करते हुये कहा वह रोशनी का मुसाफिर बिछड़ गया हमसे, चराग रखके सरै रह गुजर अन्धेरे में, यह तो अपना अपना-अपना है हौसाला यह तो अपनी-अपनी उड़ान है कोई उड़के रह गया बाम तक, कोई कहकशा से गुजर गया। डा0 सीमा रिजवी अदाकारा, उर्दू साहित्यकार, जन नेता सहित विभिन्न आयामों को बखूबी निभाती रही। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में रहकर अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा में लाने के लिये महत्वपूर्ण काम किये। जिसके लिये हमेसा याद किया जायेगा। इस अवसर पर रोशनी का मुशाफिर नाम की स्मारिका का विमोचन किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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