बुंदेलखंड का किसान तो फले से ही दया भी भीख पर जी हा था. उस पर ये आए दिन बढ़ रही महगाई
के कारण आम आदमी काफी प्रभावित है। दिन भर मजदूरी करने वाले मजदूर अपने परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चला पाता है। यदि दो चार दिनों तक काम न मिले तो उसके परिवार को भूखे मरने की नौबत आ जाती है। रिक्शा चलने वाले दिन भर रिक्शा चलाकर बड़ी मुश्किल से 100 रुपये तक कमाते हैं, लेकिन इतनी अधिक महगाई के चलते उनके लिए अच्छा खाना नसीब नहीं होता। आम आदमी को रोजगार मुहैया कराने के लिए भारत सरकार द्वारा नरेगा स्कीम को क्रियान्वित किया गया, लेकिन वह स्कीम भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर नहीं चल रही है। इस कारण दूर वर्ग को कोई लाभ नहीं हो रहा है। महगाई का स्तर इतना बढ़ चुका है कि माध्यम वर्ग के लोग भी महगाई से दुखी है तथा गरीब आदमी के लिए यह महगाई कमर तोड़ने वाली है। करियाने की दुकान करने वाले रमेश कुमार ने बताया कि पहले माध्यम वर्ग के लोग अच्छी खरीदारी करते थे, लेकिन वह भी अब हाथ पीछे खींच रहे है। गरीब आदमी अपने परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चला रहा है। यदि इसी तरह से महगाई बढ़ती रही तो सभी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। बढ़ती महगाई के चलते किसी भी सामान की कीमत कम नही हुई बल्कि बढ़ रही है। इस समय रोजमर्रा के खाद्य पदार्थो की कीमतों में भारी इजाफा हो रहा है। एशे में जिए तो क्या जीये
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Vikas Sharma
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