समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम िंसंह यादव ने आज यहॉ कहा कि उर्दू, मिस्जद औेर मदरसों से मुसलमानों की पहचान है। दुर्भाग्य की बात है कि मिस्जद गिरा दी गई। उर्दू अखबारों को विज्ञापन बन्द हो गए हैंं। मदरसों में भी सरकारी हस्तक्षेप बढ़ रहा है। उर्दू भाशा को खत्म करने का अर्थ कौम का खात्मा होगा। शिक्षा, रोजगार से वंचित रखने और मुस्लिमों को आरक्षण न देने की चालें चली जा रही हैं। समाजवादी पार्टी मुस्लिमों के हकों के लिए हमेशा प्रतिबद्धता के साथ संघशZ करती रही है।
श्री यादव अपने आवास पर बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों से आए मुस्लिम नेताओं से भ्ोंट कर रहे थे। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने श्री मुलायम सिंह यादव को बधाई दी और कहा कि उन्होंने मुस्लिम कौम से मॉफी मॉग कर इतिहास रच दिया है। इन नेताओं ने कहा कि आज मुस्लिम उपेक्षित है। उनकी भाशा और मिस्जद-मदरसों पर संकट है। उन्होेंने भरोसा दिलाया कि इस बार वे मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं होने देंगे। माफी मॉगकर आपने (श्री यादव ने)मुसलमानों का दिल जीत लिया है। अब तक किसी ने ऐसा नहीं किया। गलती कोई बड़ा दिल वाला ही कबूल करता है। मुसलमानोें को इससे हौसला मिला है। अब पूरी ताकत से एकजुट होकर मुसलमानों द्वारा समाजवादी पार्टी का साथ दिया जायेगा।
श्री मुलायम सिंह यादव ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए कहा कि पिछड़े वर्गो और मुसलमानों की जमात संघशZ करने वालों की है। समाजवादी सरकार के रहते मिस्जद को कोई खतरा नहीं हुआ। दंगे नहीं हुए। समाजवादी पार्टी सरकार में सांप्रदायिक-सामाजिक एकता के लिए पुलिस-पीए0सी0 में मुरादाबाद में 27 प्रतिशत मुस्लिमों की भर्ती की गई थी। लेकिन बसपा सरकार ने कई हजार नौजवानों को बखाZस्त कर दिया। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी की पहली सरकार में 9 प्रतिशत, दूसरी सरकार में 10 प्रतिशत और तीसरी सरकार मेें 14.6 प्रतिशत मुस्लिम नौजवानों की पुलिस में भर्ती की गई थी। उर्दू को रोजगार से जोड़कर मुस्लिम नौजवानों को नौकरियॉ दी गई।
श्री यादव ने इस मौके पर स्पश्ट किया कि केन्द्र की सरकार को बचाने का मतलब यह नहीं है कि उसे मनमानी करने दिया जाएगा। सरकार की नीतियों से मंहगाई बढ़ रही है, इस पर बहस करानी चाहिए। तभी समाधान निकलेगा। श्री मुलायम सिह यादव के साथ सर्वश्री अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष विधानपरिशद, प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी पार्टी श्री अखिलेश यादव तथा प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद थे।
इस मौके पर सज्जादानशीन मौ0 मकसूद अहमद, बनारस, मौ0 मेराजुल कादरी, अ‘ाफिZया यूनिवर्सिटी, मुबारकपुर, आजमगढ़, अब्दुल हफीज खॉं, पिं्रसपल दारूल उलूम, एहले सुन्नत बस्ती, ‘ााकिर हुसैन, पिं्रसिपल जामिया उस्मानिया, चििश्तया, बाराबंकी, मौ0 तौफिस नदवी अध्यक्ष यूथ उलेमा कांउसिल, काजी सलामुद्दीन, पिं्रसपल, मदरसा तालिमुद्दीन, मऊ, फय्याज अहमद, नाजिमें आला उस्मानिया मऊ, अब्दुल कादिर खॉं, प्रिंसपल मो0 हसन पी0जी0 कालेज, जौनपुर, प्रो0 मजाहिर, मुजफ्फरनगर, मो0 मतीन खॉ सदर, मदरसा फरोगेदीन दारूल इस्लाम, फैजाबाद, प्रो0 फिदा हुसैन अंसारी, लखनऊ, यासीन अंसारी, वाराणसी, अरशद जमाल, पूर्व चेयरमैन, मऊ, हाफिज हासिम, बाराबंकी, मौ0 इस्लाम कासमी, बाराबंकी, हाफिज इमामुल्ला, इमाम मिस्जद ‘ाक्तिनगर, मुफ्ती इरफान साहब मिसबाही, कानपुर सरदार मो0 मुर्तजा, वाराणसी, ‘ाकील खॉ, सहित दर्जनों दानिशवरों एंव उलेमाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। ‘ाहर काजी कानपुर मौ0 रियाज अहमद हशमती के द्वारा दुआ के साथ यह बैठक समाप्त हुई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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