उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मन्त्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में निजी प्रबन्ध तन्त्र द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त अनुसूचित जाति बाहुल्य प्राथमिक विद्यालयों को प्रतिवर्ष एक मुश्त छ: लाख रूपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की योजना को अनुमोदित कर दिया है।
राज्य सरकार का मानना है कि प्रदेश में सीमित संख्या में प्राथमिक विद्यालयों को एक मुश्त आर्थिक सहायता प्रतिवर्ष प्रदान कर उनके सुचारू संचालन एवं विकास की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रदेश के सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए इन विद्यालयों को 06 लाख रूपये प्रतिवर्ष एक मुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। यह धनराशि विद्यालय के संचालन एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु व्यय की जायेगी और यह सहायता वर्ष में एक बार एक मुश्त अनुदान के रूप में दी जायेगी। यह अनुदान नियत रहेगा और इसमें किसी प्रकार का परिवर्तन वेतन आदि में वृद्धि के कारण अनुमन्य नहीं होगा।
अत: इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने 200 ऐसे प्राथमिक विद्यालयों की सहायता हेतु चयनित करने का निर्णय लिया है, जो गुणवत्ता के न्यूनतम मानकों को पूरा करेंगे। इस नई योजना के अन्तर्गत चयनित विद्यालयों हेतु नये मानक व सीमित अनुदान राशि लागू होगी। इसमें से पांच लाख की धनराशि शिक्षकों के वेतन पर तथा एक लाख रूपये की धनराशि भवन निर्माण पर व्यय की जायेगी। इस आशय के प्रस्ताव को मन्त्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार पिछड़े क्षेत्रों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु अनेक योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ शिक्षा के विकास को उच्च प्राथमिकता देते हुए समाज के पिछड़े वर्गों विशेषकर अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रसार हेतु निरन्तर प्रयासरत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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