मन्त्रिपरिशद् ने प्रदेश के चयनित बागपत, औरेया एवं जौनपुर में जनपदों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को पायलट आधार पर लागू करने सम्बन्धी प्रस्ताव को आज मंजूरी प्रदान कर दी।
मन्त्रिपरिशद् द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य के बागपत, औरेया एवं जौनपुर में खरीफ 2010 में मौसम आधारित फसल बीमा योजना को पायलट आधार पर क्रियािन्वत किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत अधिकृत बीमा कंपनियों द्वारा कम व अधिक वशाZ से फसल नश्ट होने की संभावनाओं के आधार पर किसानों को बीमा कवर के रूप में क्षतिपूर्ति प्रदान की जायेगी ।जनपद औरैया में धान, मक्का, बाजरा, अरहर, उर्द, तिल व मोमफली, जनपद जौनपुर में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, उर्द एवं तिल तथा जनपद बागपत में धान बाजरा, अरहर एवं उर्द फसल को कवर किया जायेगा।
इस योजना के अन्तर्गत ऋणी कृशक योजना में अनिवार्य रूप से तथा गैर-ऋणी कृशक स्वैच्छिक आधार पर सम्मिलित किये जायेंगे। गैर-ऋणी किसानों को राश्ट्रीय कृशि बीमा योजना तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना में से किसी एक योजना में अपनी ईच्छानुसार सम्मिलित होने का विकल्प भी उपलब्ध होगा। इस योजना को एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लि0 एवं निजी बीमा कम्पनी-आई0सी0आई0 सी0आई0-लाम्बार्ड जनरल कम्पनी लि0 व इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग से चलाया जायेगा। जनपद बागपत में इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0, औरैया में एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लि0 तथा जौनपुर में आई0सी0आई0सी0आई0-लाम्बार्ड जनरल कम्पनी लि0 द्वारा ऋणी एवं गैर-ऋणी सभी किसानों को बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए अधिकृत किया जायेगा।
अधिकृत बीमा कंपनियों द्वारा प्रीमियम की वास्तविक दर आंकलित की जायेगी। भारत सरकार द्वारा अधीसूचित की जाने वाली सभी फसलों के लिए वास्तविक प्रीमियम दर की अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत निर्धारित की गई है, परन्तु किसानों वही प्रीमियम देय होगा, जो राश्ट्रीय कृशि बीमा योजना के अन्तर्गत देय है। किसानों द्वारा देय प्रीमियम दरों तथा वास्तविक दर के अन्तर की धनरािश को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बराबर-बराबर वहन किया जायेगा। कृशक केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अपने-अपने देय प्रीमियम के अंश पर 10.30 प्रतिशत की दर से सर्विस टैक्स अलग से वहन किया जायेगा।
इस योजना में किसानों की फसलों के उत्पादन लागत के बराबर की धनरािश का बीमा किया जायेगा। योजनान्तर्गत क्षतिपूर्ति के आंकलन के लिए प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर बीमा कम्पनी द्वारा मौसम केन्द्र स्थापित किये जायेंगे। इन मौसम केन्द्रों में फसल उपज के प्रत्येक महत्वपूर्ण चरण में कम व अधिक वशाZ के वास्तविक आंकड़ों में बीमा कम्पनी द्वारा तैयार की गई फसल व टर्मशीट पर दिये गये प्राविधानों के अनुसार क्षति का आंकलन किया जायेगा। किसानों को देय समस्त क्षतिपूर्ति बीमा कम्पनियों द्वारा वहन करते हुए निर्धारित समय के भीतर बीमा धारक किसान को की जायेगी। खरीफ 2010 में प्रदेश के बागपत, औरैया एवं जौनपुर जिलों में इस योजना को पायलट आधार पर क्रियान्वयन में 410.60 लाख रूपये का राज्य सरकार का व्यय संभावित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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