राज्य सरकार ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (आई0पी0सी0) में अिग्रम जमानत की व्यवस्था को प्रदेश में कतिपय शर्ताें के अधीन लागू करने का निर्णय लिया है। इस आशय के विधेयक के मशविदे को उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती की अध्यक्षता में आज यहॉ सम्पन्न हुई मन्त्रिपरिषद की बैठक अनुमोदित कर दिया गया।
वर्तमान में आई0पी0सी0 की धारा-438 को कतिपय संशोधनों के साथ विधेयक के माध्यम से पुरस्थापित किए जाने के प्रस्ताव को भी मन्त्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि दण्ड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) अधिनियम-1976 द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-438 में विर्णत अिग्रम जमानत की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। गृह विभाग के आदेशानुसार 04 मई, 2010 द्वारा इस व्यवस्था पर पुनर्विचार करने के लिए अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद, की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें प्रदेश के महाधिवक्ता, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य एवं पुलिस महानिदेशक सदस्य व सचिव गृह को संयोजक सदस्य के रूप में नामित किया गया था। इस समिति ने अिग्रम जमानत की व्यवस्था को कतिपय शर्ताें के अधीन लागू करने की संस्तुति की थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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