समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने एक बयान में कहा है कि अब तो हद हो गई कि जिलाधिकारी न सिर्फ योजनाओं के रूपयों का बन्दरबाट कर रहे है बल्कि सत्तारूढ़ दल के वोट बैंक को भी पक्का करने में लग गए है। ऐसा नहीं है कि अफसरों का यह कदाचार इधर ही उजागर हुआ है बल्कि जब से बसपा की सरकार बनी है तब से ही प्रदेश की नौकरशाही ने बसपा के वालियंटर का रूप धारण कर लिया है। इलाहाबाद के जिलाधिकारी श्री संजय प्रसाद द्वारा कल अफसरो की बैठक में सत्तारूढ़ दल के लिये वोट पक्का करने की बात कह कर यह प्रमाणित भी कर दिया है। खेदजनक है कि बसपा मुख्यमन्त्री ने अपने भ्रश्टाचार में अफसरों को भी ‘ाामिल कर लिया है। उन्होने जिला विकास योजना मद को पूरा कर पूरा खा लेने की बदनियत को अमलीजामा पहनाने के लिए अपने साथ नौकरशाही को हिस्सेदार बना लिया है। समाजवादी पार्टी इनकी घोर निन्दा करती है।
श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि भ्रश्टाचार की पराकाश्ठा तब हो गई जब पूरे राज्य का विकास ही अवरूद्व कर दिया गया। ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर सरकारी धन की लूट जमकर की जा रही है। इस ध्ंाधे में मन्त्री,बसपा नेता, अफसर और बिचौलियों का एक संगठित गिरोह कार्य करता है। बस मुख्यमन्त्री को इनसे नोटो का हार और हीरे जवाहरातों के साथ बसपा के वोट पक्का करने का सौदा तय होना सुनििश्चत होना चाहिए।
ट्रांसफर-पोस्टिंग की ‘ाासनद्वारा घोिशत अन्तिम तिथि 30 जून,2010 को खुद प्रदेश की बसपा सरकार ने मजाक बना दिया है। विभिन्न विभागों में धड़ल्ले से यह खेल जारी है। मुख्यमन्त्री मायावती पहले भी यह खेल खेलती रही है। अफसर उनकी मनचाही कर रहे है। मुख्यमन्त्री कार्यालय से लेकर उनके निवास तक पोस्टिंग के जरिये धन उगाही जारी है। प्रदेश में जारी इस संगठित भ्रश्टाचार से केन्द्र सरकार एवं महामहिम राज्यपाल को कितनी ही बार अवगत कराने के बाद भी राज्य सरकार पर कोई अंकुश नहीं लगाया गया।
राज्य की मुख्यमन्त्री ने तमाम लोकतान्त्रिक मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है। बसपा सरकार में संविधान तार-तार है। वैसे भी बसपा मुख्यमन्त्री का आचरण सदैव ही संविधान विरोधी रहा है। विगत तीन वशोZ में प्रदेश के उपचुनावों और विधान पिरशद के स्थानीय निकाय चुनाव हुए है उन सभी में सत्तारूढ़ दल को जिताने के लिए मुख्यमन्त्री के निर्देश पर अफसरों द्वारा जमकर धांधली की गई। वोट की पवित्रता-निश्पक्षता बनाये रखने में निर्वाचन आयोग भी असहाय ही साबित हुआ।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि इलाहाबाद सहित ऐसे तमाम जिलाधिकाारी, और अफसरों के आचरण की जॉच की जाये कि उन्होने किस तरह पदों का दुरूपयोग करके अपने पद की गरिमा को नश्ट किया है। ऐसे सभी अफसरों के विरूद्व सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। अगर ‘ाासन और प्रशासन दोनों मिलकर विकास की बजाये लूट खसोट और विनाश के साथ ही लोकतन्त्र के लिए खतरा उत्पन्न करने पर उतारू हो जायेगें तो कल्याणकारी राज्य का सपना ही मटियामेट हो जायेगा। बसपा की मुख्यमन्त्री ऐसा खतरनाक खेल खेल रही है जिससे भ्रश्टाचार-कदाचार ‘ाासन का हिस्सा बन जायेगा। यह लोकतन्त्र के लिये घातक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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