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सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांटस के रखरखाब पर सतत् निगाह रखें-अभिजात

Posted on 28 July 2010 by admin

आगरा जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने निर्देश दिये है कि नगर में संचालित सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट्स के रखरखाब पर सतत निगाह रखें और उनकी परफोरमेन्स में सुधार लायें। स्थापित क्षमता के अनुसार सीवेज की पिम्पंग करायें। टेस्टिंग हेतु इन्फ्लूऐन्ट और शोधित इन्फ्लूऐन्ट के सैम्पल नियमित रूप से लें। उन्होंने कहा है कि सीवेज ट्रीटमेंन्ट प्लांट के रखरखाब के सम्बन्ध में शासन के निर्देशानुसार गठित समिति द्वारा प्रत्येक त्रैमास पर सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट का निरीक्षण नियमित रूप से करायें। उन्होंने निर्देश दिये है कि एनोरोबिक तथा प्राइमरी फेकुलटेटिव पौण्डस की सफाई की तिथियां भी बोर्ड पर लिखवायें।
महाप्रबन्धक यमुना कार्य योजना वी.पी. सिंह ने बताया है कि धॉधूपुरा में 78 एमएलडी , पीलाखार में 10 एमएलडी तथा बूढी का नगला में 2.25 एमएलडी का एस. टी. पी. कार्य कर रहे है और तीनों का रखरखाब सन्तोशजनक रूप से किया जा रहा है। एफ्लूएेंट की सैम्पल की टेस्टिंग नियमित रूप से की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शोधित एफ्लूएेंट की बी.ओ.डी. मानक के अनुसार आ रही है।उन्होंने बताया कि धॉधूपुरा एसटीपी मे खैराती टोला मुख्य पिम्पंग स्टेशन से राइजिंग मेन के माध्यम से सीवेज यहां पहुंचता है। पीलाखार एसटीपी की स्थापित क्षमता 10 एमएलडी है। यहॉ फ्लोटिंग मेटेरियल की रोकथाम हेतु नाले पर नई बार स्क्रीन लगा दी गई है।
उन्होंने बताया है कि बूढी के नगला में एसटीपी की क्षमता 2.25 एमएलडी है।परन्तु नाले का श्राव अधिक है  इसी कैम्पस में एक नया एमपीएस बनाया जा रहा है जिस पर सीवेज निर्माणाधीन 14 एमएलडी के एसटीपी जगनपुर-सिकन्दरपुर पर ले जाया  जायेगा। उन्होंने बताया कि बूढी के नगला में नाले से फ्लोटिंग मैटेरियल यमुना से जाने से रोकने हेतु नाले की बियर पर एक नई बार स्क्रीन लगा दी गई है जिससे फ्लोटिंग मेटेरियल यमुना में जाने से रूक रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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