मुख्यमन्त्री ने वि.वि. का बजट 170 करोड़ किया, धन की कमी नही होने दी जायेगी : डा0 राकेशधर त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मन्त्री डा0 राकेशधर त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के नेतृत्व में राज्य में लगभग 27 वषोZं बाद उर्दू, अरबी फारसी विश्वविद्यालय के रूप में एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है जिसमें जुलाई 2011 से अध्ययन-अध्यापन शुरू कराने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में उर्दू, अरबी फारसी भाषाओं के अलावा वह सभी विषय पढ़ाये जायेंगे जिनका सम्बंध मौजूदा समय से है। उन्होंने कहा कि इस राज्य में सरकार की तरफ से 27 वषोZं पूर्व जौनपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी जिसके बाद से उच्च शिक्षा ( भ्पहीमत मकनबंजपवद ) के क्षेत्र में बड़ी संस्थाओं के स्थापना का कार्य नहीं हुआ था।
डा0 त्रिपाठी ने कहा कि उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शुरूआती तौर पर 20 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया था जिसे मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने बढ़ाकर 170 करोड़ कर दिया है, ताकि इस वर्ष तक भवन निर्माण कार्य पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यलाय के लिए योग्य उच्च प्रशासनिक अधिकारी श्री अनीस अंसारी को कुलपति नियुक्ति किया गया जिन्होंने स्थापना और निर्माण के कार्य को अत्यन्त तेज गति देने में सफलता प्राप्त की।
उच्च शिक्षा मन्त्री ने यह बात आज यहां सीतापुर हरदोई छह लेन बाईपास पर निर्माणाधीन उर्दू, अरबी फारसी विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमन्त्री की प्रेरणा से आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि आज यहां जिन बच्चों द्वारा वृक्षारोपण किया जा रहा है, वही बच्चे कल यहां उच्च शिक्षा के लिये आयेंगे और अपने वृक्षों को बढ़ता हुआ देखकर राष्ट्र निर्माण की भावना से आपूरित होंगे।
इसके पूर्व नगर विकास मन्त्री श्री नकुल दुबे ने वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम और विश्वविद्यालय स्थापना का स्वागत करते हुए कहा कि हम सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करते हैं और अनेकता में एकता का अविष्कार करते हैं। यह सन्देश आज यहां से अच्छी तरह उद्भाषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जहां एक डिग्री कालेज नहीं था वहां मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के नेतृत्व में सरकार बनाने के बाद न केवल चार महाविद्यालय स्थापित हुये बल्कि एशिया का एक अनूठा विश्वविद्यालय भी स्थापित हो रहा है।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मन्त्री श्री अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के रूप में अल्पसंख्यक समुदाय और तरक्की पसन्द लोगों का एक सपना-एक ख्वाब मुकम्मल हो गया है। अपनी तरह की यह भारत में पहली युनिवर्सिटी है जो निश्चित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय में चर्चा का विषय बनेगी और बड़ी संख्या में अल्पसंख्सयक समुदाय के लोग तरक्की के लिए इस विश्वविद्यालय में दाखिला लेंगे।
सचिव उच्च शिक्षा एवं सचिव मुख्यमन्त्री श्री अनिल सन्त ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य उन सांस्कृतिक धाराओं को जीवन्त बनाना है जो आगे बढ़कर भारत की सांस्कृतिक गंगा की धारा को प्रवाहमान बनाये रखती हैं।
कुलपति श्री अनीस अंसारी ने बताया कि उर्दू, अरबी फारसी विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्रदान कर अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को सम्बद्धता देते हुए उन्हें सहायता और सुविधा दी जायेगी। विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में 19 विख्यात शिक्षाविदों और समाज सेवयों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन, लाइबेरी, कम्प्यूटर सेन्टर, गल्र्स हास्टल (200 बेड) ब्वायज हास्टल (250 बेड) श्रेणी 1,2,3,4 के आवास, सबस्टेशन, पम्महाउस, कुलपति आवास, गेस्ट हाउस तथा वाह्य विकास कार्यक्रम किये जायेंगे और विश्वविद्यालय में पढ़ाई जुलाई 2011 से की जायेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विभागों को सेन्टर आफ ऐक्सीलेंस के तौर पर विकसित करते हुए देश-विदेश के नामचीन विश्वविद्यालयों से अन्तर सम्बंध स्थापित कराया जायेगा। इसमें उर्दू अरबी फारसी के अलावा तमिल, मलयालम, मराठी, बंगाली, पंजाबी, संस्कृत, कश्मीरी और सिन्धी भाषाओं के साहित्य के तुलनात्मक अध्ययन की व्यवस्था की जायेगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय को ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए कानून, मैनेजमेंट, पत्रकारिता, जनसंचार, बीएड, बायोटेक्नोलॉजी, बायोइनफारमेटिक्स तथा नेनौ टेक्नालॉजी आदि आधुनिक विषयों में उच्च शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी।
कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि डा0 राकेशधर त्रिपाठी, नगर विकास मन्त्री श्री नकुल दुबे, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मन्त्री श्री अनीस अहमद खां उर्फ फूलबाबू, सचिव उच्च शिक्षा श्री अनिल सन्त, कुलपति श्री अनीस अंसारी, श्रीमती अस्मां हुसैन, शहर काज़ी मौलाना अबुल इरफान, फिरंगी महली, कुलसचिव श्री वी.के.गुप्ता, विशेष सचिव श्रीमती अनीता मिश्रा तथा उपस्थित विभिन्न स्कूलों के 1000 छात्र/छात्राओं ने लगभग 3000 अलंकृत पौधों का रोपण किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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