25 जुलाई 2010 को गुरू पूिर्णमा के पावन पर्व पर श्री श्री परमहंस योगानन्द जी के शिष्यों द्वारा उनकी स्मृति में एक भव्य कार्यक्रम अपने ध्यान मन्दिर विपुल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित किया गया। संयोग से इसी दिन परम्गुरू महावतार बाबा जी का भी स्मृति दिवस था, जिसको भी साथ में बड़े हषोZउल्लास के साथ मनाया गया।
महावतार बाबाजी ने संसार को विलुप्त हुए क्रिया-योग का ज्ञान दिया तथा परमहंस योगानन्द ने पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। क्रिया योग ईश्वर से साक्षात्कार की एक प्रभावी विधि है, जिसके पालन से लाखों भक्तों ने अपने जीवन को संवारा और वह ईश्वर की ओर अग्रसर हुए।
इस अवसर पर तीन घंटे के ध्यान का तथा उसके बाद पुष्पांजलि के कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका संचालन ग्लोबल सम्मान-2010 से सम्मानित,दूरदर्शन तथा आकाशवाणी की सुप्रसिद्ध गायिका तथा परमहंस योगानन्द जी की शिष्या सुरभि रंजन ने किया। उन्होंने महावतार बाबाजी तथा परमहंस योगानन्द के जीवन के बारे में भक्तों को बताया तथा गुरू-शिष्य सम्बंध के बारे में बताते हुए गुरू योगानन्द जी का सन्देश सभी भक्तों को सुनाया। उसे सुनकर सभी भक्त भाव-विभोर हो उठे। इस कार्यक्रम में सुरभि रंजन ने अनेक भजन भी प्रस्तुत किये जैसे -
1. परमहंस योगानन्द ब्रह्मरूप योगानन्द
2. तू ध्रुव तारा मम जीवन का
3. महावतार नमो नम:
4. धन्य भाग्य मैंने सद्गुरू पाया
5. गुरू गुण गाऊं गुरू छवि ध्याऊं
लखनऊ ध्यान केन्द्र के चेयरमैन श्री अरोड़ा जी ने बताया कि इस अवसर पर 500 गरीब व्यक्तियों को वस्त्र बॉटे गये तथा भोजन कराया गया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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