समाजवादी पार्टी के वरिश्ठ नेता एवं नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने क्रमश: विधान सभाध्यक्ष एव प्रदेश के राज्यपाल महोदय को पत्र भेजकर ज्ञानपुर विधान सभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी विधायक श्री विजय मिश्र के खिलाफ अब तक की गई कार्यवाहियों को रोकने, उनकी और उनके परिवारवालों की जानमाल की सुरक्षा तथा नन्दी काण्ड की निश्पक्ष जॉच सीबीआई से कराने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी नेताओं ने महामहिम राज्यपाल एवं विधान सभाध्यक्ष को संबोधित अपने पत्रों में लिखा है कि भदोही उपचुनाव में हार से बौखलाई मुख्यमन्त्री, उनके दो काबीना मन्त्री श्री राकेशधर त्रिपाठी एवं श्री रंगनाथ मिश्र श्री विजय मिश्र एवं उनके परिवार को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बबाZद करना चाहते हैं। प्रदेश के उच्च शिक्षामन्त्री श्री राकेशधर त्रिपाठी श्री विजय मिश्र के पिता की हत्या के अभियुक्त रह चुके हैं। वर्तमान डीजीपी श्री कर्मवीर सिंह 1991 में वाराणसी में एसएसपी थे जब श्री मिश्र द्वारा उनके कुछ खास दारोगाओं की शिकायत किए जाने से नाराज होकर उन्होने तमाम फर्जी मुकदमें उनके खिलाफ कायम करा दिए थे। वर्तमान में भी वे श्री मिश्र के खिलाफ उत्पीड़न की कार्यवाहियां करने में लगे हैं।
नेता विरोधी दल एवं समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के संस्थागत वित्तमन्त्री श्री नन्द गोपाल नन्दी के घर के पास 12 जुलाई,2010 को हुए विस्फोट में श्री विजय मिश्र को फंसाने की साजिश है। मुख्यमन्त्री ने अपने संवैधानिक पद की गरिमा एवं न्याय सिद्धान्त को किनारे रखकर 17जुलाई,2010 को बिना विवेचना पूरी हुए ही श्री मिश्र एवं उनके रिश्तेदारों को दोशी ठहरा दिया है। उन सबको बुरी तरह उत्पीड़ित किया जा रहा है। आशंका है कि श्री मिश्र की हत्या भी हो सकती है। उन्होने विधान सभाध्यक्ष एवं राज्यपाल से इस मामले में तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
ज्ञातव्य है, इस सम्बंध में 9 जुलाई,2010 को, नन्दी काण्ड से पहले ही, समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव ने मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर श्री विजय मिश्र के विरूद्ध उत्पीड़न की कार्यवाही एवं हत्या किए जाने की आशंका जताते हुए उनके जानमाल की रक्षा तथा पूरी कार्यवाही की निश्पक्ष एजेंसी से जॉच की मांग की थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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