भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में मुख्यमन्त्री के हिस्सा न लेने के सरकारी फैसले को यू0पी0 के विकास की उपेक्षा की संज्ञा दी है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद में अखिल भारतीय स्तर पर सभी राज्यों के विकास की योजनाओं पर चर्चा होती है। इस बात की बैठक में 11वीं पंच वषÊय योजना के मध्यावधि मूल्यांकन का एजेण्डा है। राज्य ने बसपा सरकार के नेतृत्व ने निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं किया है। यह बैठक महत्वपूर्ण है। सभी राज्यों के मुख्यमन्त्री इस बैठक में हिस्सा लेते हैं और अपने-अपने राज्यों की विकास की समस्याएं रखते हैं। बावजूद इसके इस अतिमहत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमन्त्री का न जाना दुखद आश्चर्य का विषय है। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमन्त्री को राज्य के विकास की कोई चिन्ता नहीं है।
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार के लगभग साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल में ऐसी बैठकें इसके पहले दो दफा और हो चुकी हैं। मुख्यमन्त्री पहले आयोजित हो चुकी इन बैठकों में भी नहीं गईं। मुख्यमन्त्री को राज्य के सम्यक् विकास की कोई चिन्ता नहीं है। वे बहुधा केन्द्र को पत्र लिखती हैं, अतिरिक्त धन मांगती हैं और पत्र की प्रति प्रेस को जारी करने का कर्मकाण्ड करती हैं। लेकिन केन्द्रीय स्तर पर आयोजित बैठकों में स्वयं उपस्थित होकर राज्य की समस्याओं का उल्लेख नहीं करती हैं। केन्द्र के पक्ष का सकारात्मक उत्तर नहीं देती हैं। बसपा सरकार के एजेण्डे पर राज्य के विकास की कोई प्राथमिकता नहीं है।
श्री दीक्षित ने मुख्यमन्त्री से पूछा कि आखिरकार राष्ट्रीय विकास परिषद की महत्वपूर्ण बैठकों में उनके न जाने का मुख्य कारण क्या हैर्षोर्षो बसपा केन्द्र सरकार का समर्थन कर रही है। वह महंगाई के सवाल पर केन्द्र के पक्ष में वोट ड़ाल चुकी है। प्रधानमन्त्री सहित केन्द्र के उच्च पदस्थ वरिष्ठों के बीच इन बैठकों में न जाने का असली कारण राज्य की जनता को बता देना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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