राज्य महिला आयोग में चिनहट निवासी श्रीमती नूर बानो ने गत 17 जून को आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका विवाह 28 वर्ष पूर्व श्री करीम के साथ हुआ था, शादी के समय उसका पति बेरोजगार था उसने मेहनत मजदूरी करके अपने पांच बच्चों और पति के परिवार का भरण पोषण किया, परन्तु उसके पति द्वारा पैतृक सम्पत्ति के जिस हिस्से में वह रह रही थी, उसे बेचकर उसे व उसके बच्चों को घर से निकाल दिया गया। विरोध करने पर करीम ने उसको शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया।
आयोग ने गरीब महिला के प्रार्थना पत्र का संज्ञान लिया तथा डी0आई0जी0 लखनऊ से इस सम्बंध में आख्या मांगी। डी0आई0जी0 ने गत 26 अगस्त को आयोग के समक्ष आख्या प्रस्तुत की।
आयोग की उपाध्यक्षा श्रीमती नम्रता पाठक ने दोनों पक्षों को आयोग में बुलाया। कई बार की काउिन्सलिंग के पश्चात दिनांक 21 जुलाई 2010 को दोनों पक्षों में समझौता कराया गया।
श्रीमती नूर बानो द्वारा आयोग को सूचित किया गया है कि पैतृक सम्पत्ति के आधे हिस्से पर अब उसे कब्जा मिल गया है। वह वहां अपने बच्चों के साथ रह रही है तथा अब इस प्रकरण में आगे कोई कार्यवाही नहीं चाहती हैं।
इस प्रकार महिला आयोग की संवेदनशीलता के कारण एक महिला को उसका हक प्राप्त हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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