किसानों को संकर धान बीजों पर अनुदान मिलेगा
उत्तर प्रदेष के कृषि मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों की मांग के अनुरूप खरीफ फसलों के लिए खाद एवं बीज उपलब्ध कराये जायें। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिये सभी जरूरी कदम उठाएं। खरीफ की फसलों के लिए 10.80 लाख कुन्तल बीज का वितरण प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए सरकार ने खरीफ-2010 में 63422 कुन्तल दलहनी बीज की व्यवस्था की है जबकि गत वर्ष यह मात्रा 44570 कुन्तल ही थी।
श्री सिद्दीकी आज यहॉ कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ खरीफ फसल के लिए उपलब्ध कराये जाने वाले खाद एवं बीज की उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी भी स्तर पर खाद एवं बीजों की कमी न होने पाये। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हो तो खाद को क्रय करने के लिए समय रहते समुचित धन की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाये। उन्होंने कहा कि किसानों के उपयोगार्थ खाद एवं बीज में किसी भी स्तर पर धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि खाद एवं बीज के वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाये। उन्होंने कहा कि खाद का कृत्रिम संकट पैदा करने वालों पर पैनी नज़र रखी जाये।
कृषि मन्त्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में किसी भी स्तर पर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए खरीफ-2010 में 10.80 लाख कुन्तल बीजों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है जबकि गत वर्ष यह लक्ष्य 8.45 लाख कुन्तल ही था। उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के खरीफ बीजों के वितरण में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 8.37 लाख कुन्तल बीजों के वितरण पर सन्तोष व्यक्त किया। उन्होंने मिट्टी की जॉच के अधिक से अधिक नमूनों को लेकर किसानों को उचित सलाह दिये जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री कपिल देव ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा संकर धान बीजों के वितरण पर अधिक बल दिया जा रहा है, ताकि प्रदेश के किसानों की उत्पादकता में वृद्धि हो सके। किसानों को उचित मूल्य पर संकर धान बीज उपलब्ध हो सके, इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा दो हजार रूपए प्रति कु0 तथा भारत सरकार द्वारा चार हजार रूपए प्रति कु0 की दर से अनुदान अनुमन्य किया गया है। संकर धान बीजों की उपलब्धता प्रदेश में लगभग 141028 कु0 है, जिसके सापेक्ष विभिन्न सरकारी, अर्द्धसरकारी, सहकारी एवं निजी संस्थाओं के माध्यम से अब तक 96314 कु0 का वितरण हो चुका है। उ0प्र0 बीज विकास निगम द्वारा कृषि विभाग, यू0पी0 एग्रो तथा स्वयं के माध्यम से वितरण हेतु लगभग 15000 कु0 संकर धान बीज की व्यवस्था की गई, जिसके सापेक्ष अब तक 11000 कु0 उठान हो चुका है। इसी प्रकार निगम द्वारा लगभग 2100 कु0 संकर मक्का, 1500 कु0 संकर बाजरा की भी व्यवस्था करते हुए किसानों को कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है।
कृषि निदेशक श्री जे0पी0 त्रिपाठी ने बताया कि रसायनिक खादों के निरन्तर प्रयोग से भूमि की उर्वरकता में हृास हो रहा है, जिसके कारण मृदा का सी0एन0 रेशियों भी कुप्रभावित हो रहा है, फलस्वरूप रसायनिक खादों के प्रयोग के बावजूद भी उत्पादन में वृद्धि नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत हरी खाद के रूप में ढैंचा एवं सनई बीज का उपयोग मील का पत्थर साबित हो रहा है तथा मृदा की संरचना में भी हरी खाद के उपयोग से सुधार हो रहा है। इसे दृष्टिगत रखते हुए मृदा स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों को निगम के माध्यम से कृषि विभाग द्वारा 1.00 लाख कु0 ढैंचा बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया, ताकि उत्पादकता में वृद्धि होने के कारण किसानों की आय बढ़ सके। इसी प्रकार खरीफ-2010 में तिलहनी बीजों की उपलब्धता 38581 कु0 है, जबकि गतवर्ष उपलब्धता मात्र 18082 कु0 थी। इससे स्पष्ट है कि दलहनी बीजों की उपलब्धता लगभग 42 प्रतिशत तथा तिलहनी बीजों की उपलब्धता लगभग 113 प्रतिशत अधिक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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