भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह की माफी को सत्तावाद और कोरा अवसरवाद बताया और कहा कि सपा अध्यक्ष को भारत माता को डायन कहने वाले लोगों की दोस्ती की लिये माफी मांगनी चाहिए थी। उन्हें अयोध्या में निहत्थे रामभक्तों-कारसेवकों पर गोली चलवाने और निर्दोषों की हत्या कराने के लिये प्रदेश और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें सिमी जैसे आतंकी संगठन के प्रमुख शाहिद बद्र से मुकदमा उठाने के लिये भी प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। लेकिन सपा प्रमुख मुस्लिम वोट बैंक के लिये लगातार कट्टरपन्थी तत्वों से ही माफी मांग रहे हैं।
श्री शाही ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा के बीच मुस्लिम वोट बैंक हासिल करने की गलाकाट प्रतिस्पर्धा है। तीनों दल अपनी जनविरोधी कार्यशैली के चलते राज्य में अलोकप्रिय हो गये हैं। तीनों दल मुस्लिम वोट बैंक हासिल करने के लिये ही तरह-तरह के जुगाड़ कर रहे हैं। सपा प्रमुख की ताजा माफी भी इसी कसरत का नतीजा है। यह अवसरवाद की पराकाष्ठा है। उन्होंने भाजपा और सभी हिन्दू संगठनों को साम्प्रदायिक बताने वाले दलों पर भी चोट करते हुए कहा कि ये तीनों दल एक सम्प्रदाय के थोक वोट के लिये ही कभी माफी मांगते हैं, कभी खेद व्यक्त करते हैं और तुष्टीकरण की नीतियां चलाते हैं। भाजपा Þसबको न्याय, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहींß के सिद्धान्त पर विश्वास करती है। राज्य की जनता तुष्टीकरणवादी दलों की असलियत जान गई है। जनता इनके झांसे में नहीं आयेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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