समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रति सत्तारूढ़ बसपा राजनीतिक विद्वेष भावना के साथ काम कर रही है। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं। निर्दोषों को जेल में रखकर परेशान किया जा रहा है। लखनऊ में 5 जुलाई,2010 को मंहगाई के खिलाफ आम हड़ताल का नेतृत्व कर रहे नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव सहित समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें एक दर्जन कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हुए। 5 घंटे तक बदबू के माहौल में उन्हें रिजर्व पुलिस लाइन में बन्दी बनाकर रखा गया। आगरा में पुलिस की शह पर काम कर रहे तत्वों ने गड़बड़ी की जिसमें निर्दोष समाजवादी पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें कायम किए गए। श्री राकेश बघेल, जिला पंचायत सदस्य, श्री महेन्द्र खण्डेलवाल, शहर उपाध्यक्ष, श्री अनूप यादव शहर अध्यक्ष लोहिया वाहिनी, श्री मनोज गुप्ता शहर अध्यक्ष व्यापार सभा, श्री राम सहाय यादव, नेता समाजवादी पार्टी सहित समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं सर्वश्री टीटू यादव, सुनील, राजेश गुप्ता, पवन तथा भूपेन्द्र पर भारतीय दण्ड विधान के अन्तर्गत धारा 332, 147, 323, 427 एवं 7 क्रिमिनल एमेण्डमेंट एक्ट के तहत जेल में बन्द रखा गया है।
राजधानी में 8 जुलाईए2010 को नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ मिलकर महामहिम राज्यपाल महोदय को एक ज्ञापन दिया था जिसमें आम हड़ताल के दौरान पुलिस की ज्यादती एवं नेताओं के साथ बदसुलूकी के बारे में तथ्य दिए गए थे। महामहिम ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था। किन्तु खेद की बात है कि महामहिम के स्तर से जॉच कराए जाने के पहले ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गन्दे पानी को मुद्दा बनाकर प्रेस के सामने आ गए। उनका यह बयान पूर्णयता असत्य और अधूरा था क्योंकि समाजवादी पार्टी ने अपने ज्ञापन में बिना वारंट 3ध्4 जुलाईए2010 की रात में गैर कानूनी ढंग से समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के घर दबिश तथा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने वाले अधिकारियों के निलम्बन तथा 5 जुलाईए2010 को लाठीचार्ज की घटना के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की थी। मुख्यमन्त्री के बसपा एजेंट बनकर सरकार और पार्टी का अन्तर भूल गए। ऐसे अधिकारी के अमर्यादित आचरण का भी महामहिम राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए।
लोकतन्त्र में सत्तापक्ष के साथ विपक्ष की भूमिका भी संविधान द्वारा संरक्षित है। लेकिन इस बसपा सरकार की प्रवृत्ति अघिनायकशाही है। उसने कानून व्यवस्था को मजाक बना दिया है। प्रशासन पूर्णतया पंगु हो गया है। आगरा में जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन की भूमिका अपने आचरण से सन्दिग्ध हो गई है। समाजवादी पार्टी की राज्यपाल से मांग है कि आगरा में समाजवादी कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे उत्पीड़न को तत्काल रोका जाय। आगरा में बन्दी बनाये गए निर्दोष समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को तुरन्त रिहा किया जाय और उन अधिकारियों को दण्डित किया जाय जो लखनऊ में लाठीचार्ज करने और आगरा में निर्दोष कार्यकर्ताओं पर ज्यादती करने के दोषी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com