नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव एव प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहा प्रदेश के संस्थागत वित्तमन्त्री पर हमला अपराधियों और सत्तारूढ़ दल की सांठगांठ का परिणाम है। मुख्यमन्त्री ने सरकार और पार्टी संगठन में अपराधियों को संरक्षण देकर प्रदेश में गुण्डाराज कायम कर दिया है जिसके फलस्वरूप अब सुरक्षा घेरे में रहने वाले मन्त्री तक सुरक्षित नहीं रह गए है। ऐसे में आम आदमी के भयमुक्त रहने के बारे में तो सोचा भी नहीं जा सकता है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था का संकट है। पैसा लेकर पोस्टिंग ट्रांसफर का जोर हैं फलत: निकम्मे अफसर मैदान में हैं और ईमानदार हाशिये पर। जब बसपा के मंच पर एक गुण्डे ने दूसरे गुण्डे को गोली मार दी तो बसपा मुखिया ने अपराधियों को पार्टी से निकालने की बात कहीं। 500 अपराधियों की सूची जारी करने का वायदा किया। किन्तु, दिखावे में दो चार वे लोग निकाले गए जो पार्टी से पहले ही निकल चुके थे। आज तक बसपा से निकाले गए अपराधियों की सूची बाहर नहीं आई है। वे सब मायावती के राज में भयमुक्त जिन्दगी जी रहे हैं और मायाराज के लूट, कमीशनखोरी तथा भ्रष्टाचार के धंधे को बढ़ाने में लगे हैं। बसपा के विधायक, मन्त्री बलात्कार में शामिल हैं। दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैंं, महिलाएं असुरक्षित हैं। निर्दोष फर्जी मुकदमों में फंसाये जा रहे हैं। इनकी वजह से उत्तर प्रदेश अपराध में सभी प्रदेशों से आगे है।
समाजवादी पार्टी लगातार बसपा राज की तानाशाही और गलत नीतियों के खिलाफ संघर्षरत रही है। समाजवादी पार्टी प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से मांग करती है कि वे प्रदेश में संवैधानिक व्यवस्था के भंग होने का संज्ञान लें और मायावती सरकार को बखाZस्त करें। यह सरकार कानून सम्मत नहीं है। प्रशासनिक आतंकवाद से जनता त्रस्त है। मुख्यमन्त्री लोकतन्त्र को नष्ट करने का काम किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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