लखनऊ - प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अज्ञात शहीदों की स्मृति में गोमतीनदी के तट पर निर्मित शहीद स्मारक परिसर में ही अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरू की स्मृति में स्मारक एवं शिलापट्ट स्थापित किये जाने हेतु वर्ष 2000 में प्रस्तावित लगभग 9लाख41 हजार रूपये की लागत से बनने वाले स्मारक की सुधि लेने वाला कोई नहीं है, जबकि स्मारकों और पार्कों के नाम पर हजारों करोड़ रूपये प्रदेश की बसपा सरकार बर्बाद कर चुकी है। परन्तु इन क्रान्तिकारियों के स्मारक को पूरा करने की सुध न तो भाजपा सरकार ने ली, न सपा ने और न ही बसपा सरकार ने ली है। आधा अधूरा स्मारक का ढांचा अपने पूरा किए जाने की बाट जोह रहा है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि देश की आजादी के लिए फांसी का फन्दा चूमने वाले अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरू की स्मृति में, वर्ष 2000 के एक प्रस्ताव के तहत यह स्मारक लगभग 9लाख41हजार रूपये की लागत से निर्मित होना था और उसे एक वर्ष में 2001 में तैयार होना था। परन्तु इसके लिए 4लाख रूपये ही अवमुक्त किये गये। विगत 9वर्षो में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी की सरकारें कई बार बनीं किन्तु किसी भी सरकार ने इन अमर शहीदों की याद में बनने वाले स्मारक की सुधि नहीं ली है, स्थिति तो यह है कि शहीद स्मारक भी अब खण्डहर के ढेर में तब्दील होने लगा है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि विगत तीन वर्षो से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया लगातार महापुरूषों के नाम पर अरबों रूपये स्मारकों और मूर्तियों के नाम पर बर्बाद कर चुकी हैं किन्तु इन अमर शहीदों की याद में बनने वाले स्मारक की उपेक्षा की गई है।
कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि शहीद स्मारक परिसर में बनने वाले अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरू की स्मृति में स्मारक एवं शिलापट्ट यथाशीघ्र स्थापित करायी जाय। यदि वर्तमान बसपा सरकार ने इस दिशा में त्वरित कदम नहीं उठाए तो इस पुनीत कार्य को जनसहयोग से पूरा करवाया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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