Archive | September 5th, 2019

बिजली की दर वर्तमान सरकार की बड़ी असफलता की कहानी बयान कर रही - पूर्व ऊर्जा मन्त्री प्रमोद तिवारी

Posted on 05 September 2019 by admin

लखनऊ 05 सितम्बर।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व ऊर्जा मन्त्री प्रमोद तिवारी ने कहा है कि उत्तर प्रदे श में बढ़ी हुई 12ः बिजली की दर वर्तमान सरकार की बड़ी असफलता की कहानी बयान कर रही है, और सरकार बेषर्मी से कह रही है कि आज जो बिजली की दर बढ़ रही है वह समजावादी पार्टी एवं बहुजन समाजपार्टी की पिछली सरकार की नाकामियों का नतीजा है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि प्रदेष सरकार के ढाई साल बीत जाने के बाद उसकी विफलताओं के कारण दोबारा बिजली का बिल बढ़या जा रहा है । क्या सरकार के लिये ढाई साल पर्याप्त नहीं है कि वह अपनी कुछ उपलब्धियांॅ बता सके ? इसके बावजूद अपनी असफलताओं को छिपाने के लिये सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा पिछली सरकार पर फोड़ रही है ।
सरकार द्वारा किसानों से वायदा किया गया था कि उन्हें उपज का ‘‘दोगुना दाम’’ दिया जायेगा । बिजली की दर बढ़ने से सिंचाई और मंड़ाई, जहाॅ बिजली का उपयोग होता है, की लागत बढ़ेगी, और किसानों को उनकी उपज की दोगुना कीमत मिलने की बजाय उन्हें और घाटा पहंुॅचाया जा रहा है, तथा लागत बढ़ायी जा रही है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि इसी प्रकार से कुछ दिनों पूर्व उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की गयी । जब दुनिया के बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हो रही है, और देष के दूसरे प्रदेषों में पेट्रोल एवं डीजल के दाम कम हो रहे हैं तो फिर यह किस सरकार के ‘‘पाप का फल’’ है जिसे जनता भुगत रही है जबकि पिछले 5 सालों से केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी जी की भा0 ज0 पा0 की सरकार है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि सच्चाई तो यह है कि आर्थिक मन्दी और महंगाई की मार झेल रही प्रदेष की जनता को यह बोझ मौजूदा सरकार की नाकामियों के कारण भुगतना पड़ रहा है । एक तरफ बिजली की आपूर्ति कम की जा रही है और दूसरी तरफ दोबारा बिजली की दर/ रेट बढ़ाये जा रहे हैं । जनहित में बिजली के बढ़े हुये दर को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए ।
सरकार की गलत नीतियों और नाकामियों ने देष को आर्थिक तबाही और बर्बादी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है । वर्तमान सरकार की गलत नीतियों की वजह से ळ क् च् (विकास दर) 5ः पर पहंुॅच गयी है जबकि ‘‘मोदी सरकार’’ का वायदा ‘‘डबल डिजिट’’ में अर्थात 10 अंक के ऊपर विकास दर पहंुॅचाने का था । आज दुनिया का कोई भी देश भारत में पंूूॅजी निवश करने को तैयार नहीं है, क्योंकि ळण्ैण्ज् और नोटबन्दी ने देष की अर्थ व्यवस्था को तबाह कर दिया है, और निवेषक का विष्वास सरकार में खत्म हो गया है ।
श्री तिवारी ने कहा है कि एक तरफ तो सरकार द्वारा उत्तर प्रदेष को 1 ट्रिलियन और देष को 5 ट्रिलियन का सपना दिखाया जा रहा है, और दूसरी तरफ वास्तविकता यह है कि जो विरासत कांगे्रस सरकार ने इसे दिया था उसे भी खत्म कर दिया गया है । आज कृृषि विकास दर 2ः से भी नीचे आ गयी है । और सकरार द्वारा इस बर्बादी का कारण पिछली सरकारों को बताया जा रहा है जबकि वर्तमान सरकार की गलत नीतियों और उसकी नाकामियों के कारण देष और प्रदेष के सामने ऐसी गम्भीर स्थिति पैदा हुई है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है ।

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उप खनिजों की ओवर लोडिंग पाये जाने पर 25 हजार रुपये के दण्ड का प्राविधान -डाॅ0 जैकब

Posted on 05 September 2019 by admin

लखनऊ, दिनांकः 05 सितम्बर, 2019

उत्तर प्रदेश सरकार ने खनिजों के ओवरलोडिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। पट्टेदार भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार अपने अनुमोदित पट्टा क्षेत्र में खनिजों की लोडिंग नियमानुसार करने हेतु बाध्य होगा। इसके उल्लंघन पर प्रत्येक चूक के लिए 25 हजार रुपये के जुर्माने का प्राविधान किया गया है।
ये जानकारी भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक, डाॅ0 रोशन जैकब ने आज यहां दी। उन्होंने इस सम्बंध में समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गये परिपत्र में कहा है कि पट्टाधारक/भण्डारण/अनुज्ञप्तिधारक का दायित्व है कि उद्गम स्थल पर निर्धारित मात्रा के अनुसार ही अब उप खनिजों की लोडिंग सुनिश्चित करेंगे तथा उसी के अनुरूप ही परिवहन प्रपत्र भी जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि निर्धारित मात्रा से अधिक उप खनिजों की लोडिंग किये जाने पर पट्टाधारक का पूर्ण उत्तरदायित्व होगा और उसके विरूद्ध 25 हजार रूपये का दण्ड अधिरोपित किया जायेगा।
डाॅ0 जैकब ने बताया कि उद्गम स्थल के अलावा परिवहन मार्ग में यदि उप खनिज लदे वाहनों में परिवहन प्रपत्र में उप खनिज की अंकित मात्रा और परिवहन किये जाने वाली मात्रा में अन्तर पाया जाता है, तो परिवहनकर्ता एवं सम्बंधित पट्टाधारक का संयुक्त उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। इसके आधार पर परिवहनकर्ता पर एवं सम्बंधित पट्टाधारक पर 25 हजार रुपये का दण्ड होगा।
भूतत्व खनिकर्म निदेशक, डाॅ0 जैकब ने बताया कि बिना परिवहन प्रपत्र उप खनिजों का परिवहन करते हुए यदि कोई वाहन पाया जायेगा तो इस सम्बंध में पहले दिये गये निर्देशों के अनुसार इसे सरकारी सम्पत्ति की चोरी मानी जायेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार परिवहनकर्ता व परिहारधारक/पट्टाधारक के खिलाफ नियमानुसार आईपीसी तथा लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्यवाही की जायेगी।

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