Posted on 16 January 2010 by admin
लखनऊ- समजावादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि मुख्यमन्त्री मायावती ने अपने उम्र के 54 वें पड़ाव पर जन कल्याण का ऐसा शोर मचाया है कि जैसे कोई महारानी अपनी प्रजा को खैरात बॉट रही हो। जनकल्याण का इरादा सही होता तो वे अपनी `आय से अधिक अर्जित सम्पत्ति´ में से कुछ दान-पुण्य करतीं, पर वे तो सरकारी खजाने की लूट को ही अपनी बर्थ डे गिफ्ट मानती हैं। जन कल्याण की बात या गरीबों को राहत देने की बात उस मुख्यमन्त्री को कतई शोभा नहीं देती है, जिसने आज तक किसी गरीब के दु:ख दर्द में भागीदारी नहीं की। उत्पीड़न की शिकार किसी दलित महिला से सान्त्वना के दो शब्द नहीं बोले और अपने ऐश महल से निकलकर किसी गरीब या दलित परिवार के साथ बैठकर एक रोटी नहीं खाई। वे तो बड़े महलों, आलीशान सजावटी कक्षों और अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं की आदी हैं। गरीब और दलित तो उनके सत्ता सिहांसन के मोहरे हैं। असल में तो वे माफियाओं, बड़े सेठ-साहूकारों और कमीशनखोरों की ही संरक्षक हैं।
अपने जन्म दिन पर मुख्यमन्त्री ने 7,312 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करके जनता की ऑख में धूल झोंकने का ही प्रयास किया है। सरकारी खजाना खाली पड़ा है। कर्मचारियों तक को वेतन देने के लाले पड़े हैं। बाजार से कर्ज लेकर काम चलाया जा रहा है। पहले से चल रही तमाम योजनाएं पिछड़ गई हैं। खाली खजाने पर बोझ लादकर वे जनता से झूठी वाह-वाही पाने का इरादा बनाए हैं, लेकिन यह जनता सब जानती है। अच्छा हो, एक श्वेत पत्र जारी कर मुख्यमन्त्री बता दें कि उत्तर प्रदेश किस वित्तीय कुप्रबन्धन के दौर से गुजर रहा है। उसकी दिवालिया स्थिति की जिम्मेदार वह नहीं तो और कौन है।
अपने को दलितों की बेटी कहने वाली `देवी´ मुख्यमन्त्री ने अपने जन्म दिन पर एक भी दलित को बधाई देने के लिए अपने बंगले में घुसने नहीं दिया। बसपाई बेचारे बाहर ही भटकते रहे। दलित की बेटी बर्थ डे पर सिर्फ मन्त्रियों, आला अफसरों एवं चाटुकारों से ही घिरी रहीं। अपने दलित मतदाता/समर्थकों के प्रति उनका यह तिरस्कारभाव निन्दनीय है।
मुख्यमन्त्री ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में सिर्फ लूट, वसूली और पत्थरों के व्यापार का ही रिकार्ड बनाया है। बहुजन समाज पार्टी को अपराधियों के हाथों सौंपकर कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान को धनपतियों का बंधक बना दिया है। प्रशासन का मनोबल इतना गिरा दिया है कि अफसर बसपा के बालंटियर फोर्स के सिपाही बन गए हैें। सभी संवैधानिक संस्थाओं का अवमूल्यन हुआ है। लोकतन्त्र की निर्ममता से हत्या हो रही है। चुनाव धांधली से जीते जा रहे हैं। सत्ता के दुरूपयोग से मुख्यमन्त्री निरंकुश हो गई है। उन्होंने इस प्रदेश को अंधेरी गुफा में गहरे तक ढकेल दिया है।
Posted on 15 January 2010 by admin
लखनऊ- उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को अपना 54वां जन्मदिन गरीबों के नाम समर्पित कर दिया। इस मौके पर उन्होने करीब 7,312 करोड़ रुपये की जनकल्याणकारी योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर मायावती ने संवाददाताओं से कहा, “बीते वर्षो की तरह इस साल भी मेरे जन्मदिन पर प्रदेशवासियों को बसपा सरकार की तरफ से कल्याणकारी योजनाओं का तोहफा दिया गया है। राज्य में एक नई पेंशन योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत राज्यभर के करीब 30 लाख गरीबों को 300 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी। “
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज कुल 7,312 करोड़ रुपये की 264 जनकल्याणकारी योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से प्रदेश के गरीबों और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के जीवन स्तर का उत्थान होगा। साथ ही प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।“
इस मौके पर मायावती ने केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को उत्तर प्रदेश को 80,000 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज न देने के लिए एक बार फिर कोसा और कहा, ” राज्य के विकास के लिए मैंने प्रधानमंत्री जी को कई बार पत्र लिखकर विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की लेकिन आज तक एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली।“
मायावती ने कहा, “हमारी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से सरकारी खर्चो में कटौती करके गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की हैं। “
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Vikas Sharma
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Posted on 15 January 2010 by admin
लखनऊ-समाजवादी पार्टी के राज्य संसदीय बोर्ड की बैठक आज पार्टी के राज्य मुख्यालय 19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव, विधान परिशद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन, श्री भगवती सिंह(सांसद), श्री माता प्रसाद पाण्डेय (पूर्व विधान सभा अध्यक्ष) श्री बलराम सिंह यादव एवं श्री अवधेश प्रसाद (पूर्व मंत्री) की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
बैठक में मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिन पर “जनकल्याण दिवस´´ के रूप में मनाए जाने को प्रदेश की मंहगाई, शीत लहर तथा जर्जर कानून व्यवस्था से पीड़ित प्रदेश की जनता का उपहास बताया गया। मुख्यमंत्री मायावती के बसपा विधायक बलात्कार, हत्या और दूसरे अपराधिक कृत्यों को अंजाम देकर उनके जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं।
बैठक में 19 जनवरी, को समाजवादी पार्टी द्वारा होने वाले जनआन्दोलन की तैयारी तथा विधान परिशद चुनाव में सत्तारूढ दल द्वारा बरती गई धांधली की निन्दा की गई। बैठक में कहा गया कि अधिकारियों ने सत्तारूढ़ दल का साथ दिया। साक्षरों के साथ भी जबरन सहयोगी लगाकर बसपा के पक्ष में मतदान कराया गया। सपा के मतदाताओं का हर तरह से उत्पीड़न किया गया। लोकतन्त्र की हत्या कर सरकार ने विधान परिशद का यह चुनाव जीता है।
बैठक में कहा गया कि सैकड़ों लोग ठंड से मर रहे हैं। न कहीं अलाव जल रहे हैं, न रैन बसेरा चल रहे हैं। गरीबों को घटिया कंबल बॉटे जा रहे हैं यह सरकार पूरी तरह संवेदन शून्य है। किसान लुट रहा हैं उसे बिजली, पानी, खाद, बीज, की किल्लत है। सगे बीमारी और भुखमरी से विभिन्न क्षेत्र कराह रहे हैं। मंहगाई ने जिन्दगी दुश्वार कर दी है। मुख्यमंत्री का इधर ध्यान नहीं वे अपनी महिमा मंडन में लगी है। उनका जन्मदिन जश्न गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़कना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Vikas Sharma
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