Archive | वाराणसी

डाक विभाग द्वारा सारनाथ में डाक मेले का आयोजन, डाक निदेशक केके यादव ने किया उदघाटन वाराणसी कैंट के बाद अब शीघ्र ही वाराणसी प्रधान डाकघर भी जुड़ेगा सीबीएस से-केके यादव

Posted on 22 March 2014 by admin

भारतीय डाक विभाग द्वारा वाराणसी (पूर्व) डाक मंडल अंतर्गत सारनाथ डाकघर में 21 मार्च 2014 को डाक मेले का आयोजन किया गया, जिसका उदघाटन इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृृष्ण कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर डाक जीवन बीमा के तहत 2 करोड़, ग्रामीण डाक जीवन बीमा के तहत 6 करोड़ 20 लाख एवं 8,029 विभिन्न तरह के खाते खोले गये।
डाक मेले का उदघाटन करते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवायें श्री —ष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग जहाँ नित नर्इ सेवायें लागू कर रहा है, वहीं विभाग ने अपनी परम्परागत छवि को प्रतिस्पर्धा के तहत कारपोरेट इमेज में भी तब्दील करने का प्रयास किया है। संचार क्रानित के दौर में अपनी सेवाओं को त्वरित बनाने और उनकी गुणवत्ता में वृद्वि हेतु डाक विभाग ने जहाँ सभी डाकघरों को कम्प्यूटरी—त किया है, वहीं ग्राहकों की वर्तमान एवं भावी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये प्रौधोगिकी आधारित नये उत्पाद एवं सेवायें भी आरम्भ की हैं। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी कैंट के बाद अब शीघ्र ही वाराणसी प्रधान डाकघर को भी सीबीएस से जोड़ा जा रहा है। सीबीएस से जुड़ने के बाद एनीव्हेयर एनीटाइम बैंकिंग के तहत क्रमबद्ध रूप में धीरे-धीरे ग्राहकों को आन लाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और एटीएम इत्यादि का लाभ मिल सकेगा।
निदेशक श्री यादव ने डाक अधिकारियों  से रूबरू होते हुए कहा कि फील्ड में उनकी कार्य गतिविधियाँ ही विभाग के प्रति अवधारणा (इमेज) बनाती हैं, ऐसे में उन्हें ग्राहकों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने की जरुरत है। आज के प्रतियोगी दौर में यह सोचना कि  मात्र काउंटर पर सेवाएँ देकर जनता को आकर्षित किया जा सकता है, उचित नहीं है। ज्यादा राजस्व के लिए हमें खुद लोगों के पास जाना होगा, नियमित संवाद स्थापित करते हुए उन्हें सेवाओं और गुणवत्ता के बारे में जागरूक करना होगा, तभी लक्ष्यों की प्रापित हो सकेगी।
वाराणसी पूर्व मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक श्री डी बी त्रिपाठी ने कहा कि, तमाम गांँवों को बचत बैंक ग्राम और सम्पूर्ण ग्रामीण डाक जीवन बीमा ग्राम के तहत भी आच्छादित किया जा रहा है। श्री त्रिपाठी ने बताया कि वाराणसी (पूर्व) डाक मंडल में जहाँ विभिन्न तरह के 5 लाख खाते चल रहे हैं, वहीं इस वित्तीय वर्ष में लोगों का 13 करोड़ का डाक जीवन बीमा व 11 करोड़ का ग्रामीण डाक जीवन बीमा कराया जा चुका है।
वाराणसी के डाक अधीक्षक श्री टी बी सिंह ने कहा कि डाकघरों में निवेश की तमाम योजनायें हैं, जिनमें बचत खाता, आवर्ती जमा, सावधि जमा, मासिक आय योजना, पी. पी. एफ., सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम एवं राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश किया जा सकता है।
इस अवसर पर पोस्टमास्टर श्री रामायण प्रसाद, सहायक डाक अधीक्षक श्री आरसी राम, श्री बीपी सिंह,  डाक निरीक्षक दीपक कुमार, श्री विनोद श्रीवास्तव, सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, बचत अभिकर्तागण व नागरिक उपसिथत थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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अज्ञात बदमाशों ने चाकू से हमला कर 02 लाख रूपये नगद व 12 लाख रूपये के स्टाम्प पेपर लूट लिये।

Posted on 24 October 2013 by admin

दिनांक 22-10-13 को समय 1700 बजे थाना शिवपुर क्षेत्रान्तर्गत स्टाम्प विक्रेता, श्री विजय कुमार सिंह निवासी शीतलनगर थाना शिवपुर जनपद वाराणसी कचेहरी से अपने घर आ रहे थे, ग्राम खुशहालनगर के पास मोटर साइकिल सवार 04 अज्ञात बदमाशों ने चाकू से हमला कर 02 लाख रूपये नगद व 12 लाख रूपये के स्टाम्प पेपर लूट लिये।
इस संबंध में थाना शिवपुर पर मु0अ0सं0 27413 धारा 394324 भादंवि का अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण के प्रयास किये जा रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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इस्पाोत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक

Posted on 14 September 2013 by admin

इस्पाोत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक आज दिनांक 13 सितम्बंरए 2013 को माननीय इस्पालत मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा जी की अध्य्क्षता में वाराणसीए उत्त1र प्रदेश में हुई। बैठक में समिति के सदस्योंं ने भाग लिया जिनमें संसद सदस्यस और हिंदी के विद्वान शामिल थे।

माननीय इस्पारत मंत्री ने अन्यश बातों के साथ.साथ सदस्योंम को मंत्रालय तथा उसके नियंत्रण के अधीन उपक्रमों में हिंदी के प्रयोग की स्थिति से अवगत कराया। इस्पायत मंत्री ने मंत्रालय में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए दिए गए सुझावों का स्वा गत किया।

सदस्योंि को सूचित किया गया कि इस्पाीत मंत्रालय ऐसा पहला मंत्रालय है जिसे प्ैव् 9001रू2008 सर्टिफिकेट से प्रमाणित किया गया है। सदस्योंा को इस बात से भी अवगत कराया गया कि अप्रैल.अगस्तम 2013 के दौरान देश में कच्चे  इस्पागत का उत्पाअदन लगभग 33 मिलियन टन था जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2ण्5: अधिक था।

सदस्योंअ ने बैठक में मंत्रालय में हिंदी के प्रयोग की स्थिति की विस्तृएत समीक्षा की और हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। माननीय मंत्री महोदय ने सदस्यों: को इस बात से आश्व स्तप किया कि उनके द्वारा दिए गए रचनात्मदक सुझावों पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि मंत्रालय में भविष्यए में हिंदी में और अधिक कार्य करने के गहन प्रयास किए जाएंगे।

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कूपर काॅरपोरेशन प्रा0 लि0 ने भारत का सबसे अधिक मूल्य प्रभावी पावर पैक जनरेटर पेश किया

Posted on 13 July 2013 by admin

वाराणसी जुलाई, 2013:

edited-cooper-corpभारत में डीजल इंजन निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी कूपर काॅरपोरेशन ने मूल्य प्रभावी एवं शांत पर्यावरण के क्षेत्र में शांत क्रान्तिकारी डीजल जनरेटर ’’कूपर ईकोपैक’’ ब्रांड नेम के साथ भारतीय बाजार में पेश किया है। कम ईंधन खपत वाला यह जनरेटर वजन में भी काफी हल्का है वहीं इसका आकार भी काफी छोटा है तथा यह अमेरिकी और यूरोपीय उत्सर्जन नियमों के अनुरूप है।
वर्षों तक स्वदेशी शोध के बाद तथा रिकाॅर्डो यूके के तकनीकी सहयोग से ’’कूपर ईकोपैक’’ जेनसेट को पेश किया गया है। यह 10 केवीए से लेकर 180 केवीए तक उर्जा शक्ति के बाजार में उपलब्ध कराया जायेगा। आज डीजल इंजन चलाने की लागत करीब दुगुनी हो गई है, क्योंकि सरकार ने डीजल पर दी जाने वाली सब्सिडी को धीरे - धीरे समाप्त सा कर दिया है। अब कूपर एक इंटरनेशनल डिजाइन इंजीनियरिंग कंपनी रिकाॅर्डो के सहयोग से सफलतम प्रौद्योगिकी के साथ पेश किया गया है।
10 केवीए से 40 केवीए तक के जेनसेट ट्विन सिलेंडर, 4 वाल्ब और तरल शीतलता प्रणाली के साथ है, कपूर डीजल इंजन सीआरडीआई टेक्नोलाॅजी पर आधारित है, इन जनरेटर्स का निर्माण कूपर काॅरपोरेशन की सतारा महाराष्ट्र में स्थापित एसेंबलिंग संयंत्र में किया जाता है। इसके बाद 180 केवीए की पूरी रेंज 3,4,6 सिलेंडर्स की शक्ति के कूपर इंजन के साथ पेश की गई है।
कूपर काॅर्प के ईकोपैक जनरेटर के इस लांच के अवसर पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक फारूख एन. कपूर ने कहा कि ईकोपैक श्रृंखला कूपर काॅरपोरेशन के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगी, क्योंकि भारत में अन्य डीजल पावर जनरेटरों की तुलना में यह काफी अनूठा होगा, क्योंकि इसमें दी गई खूबियां दूसरों के मुकाबले काफी अधिक है जैसे कि 25 प्रतिशत ईंधन की खपत में कमीं, आकार में अन्य जनरेटर्स की तुलना में 25 प्रतिशत छोटा होना, 40 प्रतिशत छोटा होना, 40 प्रतिशत हल्का तथा रखरखाव खर्च में 42 कटौती करने वाला कूपर काॅर्प की ईकोपैक को घरों में आसानी के साथ काम में लिया जा सकता है, इतना ही नहीं इन्हें फार्म हाउसेज, बंगले, होटल्स और खुदरा विक्रेताओं, दफ्तरों, टेलिकाॅम टावर्स के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
कूपर्स काॅर्पस के ईकोपैक श्रृंखला भारत की पहली यूरो मानक पांच यूएस इपीए टीयर चार अंतरिम और सीपीसीबी - 2 की पालना पूरी करने वाला जनरेटर है। इन सारी खूबियों को देखते हुए कूपर्स काॅर्प का ईकोपैक स्वतः ही पर्यावरण प्रमी ग्राहकों की पहली पसंद बन जाएगा सेवन टैंक प्रीट्रीटमेंट और डबल पावर कोटिंग होने से कूपर काॅर्प की ईकोपैक श्रृंखला दक्षता, शान्त, ऊर्जा से भरपूर तो होगा ही साथ इसकी आवाज एक मीटर की दूरी पर महज 75 डाॅलबी तक ही होगी वह भी खुले मैदान की स्थिति होने पर।
इसका इंजन अत्याधुनिक ईसीयू माॅड्यूल पर आधारित है जो इंजन की हर प्रकार की जटिल परिस्थितयों को सहने में सक्षम है। कूपर ईकोपैक दक्ष और ग्राहक प्रेमी होने के साथ ही पांच सौ घंटे चलने के बाद रख रखाव के मामले में काफी सस्ता होगा। कूपर ईकोपैक 15 केवीए जेनसेट आपके डीजल खपत में किस प्रकार 30 प्रतिशत तक कमी करता है, इस ग्राफ को देख कर आप आसानी से समझ जाएंगे।
कूपर काॅर्प की ईकोपैक श्रंृखला के जेनसेट कूपर की गुणवत्ता की गारंटी के साथ पेश किए जा रहे हैं, इसमें किसी प्रकार की रूकावट (ब्रकडाउन) आने की तो गुंजाइश ही नहीं है, फिर भी इसके रख रखाव के लिए देशव्यापी सर्विस डीलर्स का संजाल (नेटवर्क) है जो कि पूरी तरह के उपकरणों से सज्जित होने के साथ ही इनके पास इस इंजन के वास्तविक पार्टस का भंडार है जोकि बिक्री के बाद तत्काल उपलब्ध करवाया जाता है। 10 केवीए से 180 केवीए के ईकोपैक जेनसेट की कीमत 2 लाख से 8.5 लाख रुपए निर्धारित की गई है जोकि इसके काॅन्फिगरेशन के अनुसार है। अधिक जानकारी के लिए लाॅग आॅन करें www.coopergenset.com

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अमृतसर (पंजाब) के फार्चूनर गैंग का फरार गैंग लीडर गिरफ्तार

Posted on 23 April 2013 by admin

दिनांक 21.04.13 को थाना चैक पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर बुलानाला स्थित होटल कशिका से अमृतसर (पंजाब) के फार्चूनर गैंग का फरार  गैंग लीडर को गिरफ्तार किया गया।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार अभियुक्त का पंजाब में ‘‘फार्चूनर गैग’’ के नाम से एक गिरोह है। जिसका यह गैंग लीडर है। इस गैंग द्वारा पंजाब एवं अन्य राज्यों में हाईवे पर 40 से अधिक लूट/डकैती की घटनाएं कारित की गयी है। यह गैंग केवल लग्जरी गाडि़यों तथा 05 लाख से ऊपर के कैश की लूट करता है। इस अभियुक्त को दिनांक 28.07.12 को लुधियाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। दिनांक 06.03.13 को जब इसे पुलिस अभिरक्षा में सेन्ट्रल जेल लुधियाना से न्यायालय ले जाया गया था वहां से चकमा देकर फरार हो गया था। जिसके संबंध में थाना डिविजन-7 लुधियाना पर अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त जतिन्दर सिंह के विरूद्ध पंजाब के विभिन्न जनपदों के थानों पर हत्या/लूट/डकैती व अन्य अपराधों के कुल 60 अभियोग पंजीकृत है। विधिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त
1.     जतिन्दर सिंह उर्फ बन्टी, निवासी ग्राम लसारा, थाना पायल, जनपद खन्ना हालपता          म.नं. 061/सी. गली नं0-7 रंजीत बिहार लोहार्क रोड, अमृतसर, पंजाब।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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02 पुलिस कर्मियों ने की आत्महत्या

Posted on 02 April 2013 by admin

जनपद वाराणसी/थाना कैण्ट
दिनांक 31.03.13 को थाना कैण्ट क्षेत्रान्तर्गत पुलिस लाइन्स में नियुक्त आरक्षी अखिलेश सिंह यादव, निवासी बसुखारी, थाना सैदपुर, जनपद गाजीपुर व महिला आरक्षी कंचन सिंह, निवासी मैनपुर, थाना करण्डा, जनपद गाजीपुर के शव मोहल्ला पाण्डेयपुर नई बस्ती स्थित मकान से बरामद हुये। मृतक आरक्षी उक्त आवास में किराये पर रहता था।
थाना कैण्ट पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर दोनों आरक्षियों के शवों को पोस्टमार्टम हेतु भेजा गया। उल्लेखनीय है कि दोनों पुलिस कर्मियों के मध्य मित्रता थी तथा दिनांक 25.03.13 से डियुटी से अनुपस्थित चल रहे थे। मृतक आरक्षी के
कमरे से महिला आरक्षी द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उसके द्वारा स्वेच्छा से आत्महत्या करना अंकित किया गया है। विधिक कार्यवाही की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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06 अभियुक्त गिरफ्तार-66,90,290 रूपये बरामद

Posted on 07 March 2013 by admin

जनपद वाराणसी/थाना जीआरपी
दिनांक 05/06.03.13 को थाना जीआरपी पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान प्लेट फार्म नं0 6 व 7 से 06 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से अवैध रूप से ले जायी जा रही भारी मात्रा में भारतीय करेंसी बरामद हुयी। पूछताछ पर अभियुक्तगण कोई प्रमाण नहीं दे सके। इस संबंध में थाना जीआरपी पर अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त
1.    आशीष जायसवाल, निवासी ग्राम करनपुरखूबी, थाना हनुमानगंज, जनपद प्रतापगढ़।
2.    अमित जायसवाल, निवासी ग्राम करनपुरखूबी, थाना हनुमानगंज, जनपद प्रतापगढ़।
3.    अजीत जायसवाल, निवासी ग्राम करनपुरखूबी, थाना हनुमानगंज, जनपद प्रतापगढ़।
4.    सोनू जायसवाल, निवासी ग्राम करनपुरखूबी, थाना हनुमानगंज, जनपद प्रतापगढ़।
5.    सुनील जायसवाल, निवासी ग्राम करनपुरखूबी, थाना हनुमानगंज, जनपद प्रतापगढ़।
6.    धर्मेन्द्र कुमार, निवासी जनपद सुलतानपुर।
बरामदगी
1.    66 लाख 90 हजार 02 सौ 90 रूपये

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मध्य प्रदेश से 10 हजार रूपये पुरस्कार घोषित अपराधी गिरफ्तार

Posted on 07 March 2013 by admin

जनपद वाराणसी/थाना कैण्ट
दिनांक 05.03.13 को थाना कैण्ट पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर थाना मुरार, जनपद ग्वालियर पर पंजीकृत मुअसं. 268/11 धारा 420 भादवि 3(1)(2)(4) म0प्र0निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम वर्ष 2000 रिजर्व बैंक आफ इण्डिया एक्ट 1934 की धारा 45 (5)/68बी (5)-ए प्राइज चिट एण्ड मनी सरकुलेशन स्कीम एक्ट 1978 की धारा 4,5,6 के मामले में फरार/वांछित अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी पर 10 हजार रूपये का पुरस्कार घोषित था। उल्लेखनीय है कि उक्त अभियोग का वांछित एक अभियुक्त दिनांक 04.03.13 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। विधिक कार्यवाही की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त
1.    संतोष पाण्डेय, निवासी ग्राम नहोरा परसईपुर, जनपद जौनपुर।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गंगा नदी में गाड़ी गिरने से बीएचयू के एमएस के छात्र की मृत्यु

Posted on 06 February 2013 by admin

थाना रामनगर क्षेत्रान्तर्गत स्थित गंगा नदी के पीपा पुल से टाटा सफारी नं0 पीबी-11ए-6001 गंगा नदी में पलट गयी । सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहंुच कर गोताखोरों की मदद से गाड़ी निकलवा ली गयी । गाड़ी में सवार डा0 राहुल शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी आगरा जो बीएचयू में एमएस कर रहे थे, का शव बरामद हुआ है । विधिक कार्यवाही की जा रही है । उल्लेखनीय है कि गाड़ी के मालिक डा0 कार्तिक गोयल निवासी पटियाला है जो बीएचयू में एमडी कर रहे हैं, से डा0 राहुल शर्मा गाड़ी मांगकर ले गये थे

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मानव जीवन मूल्य चुनौती और समाधान

Posted on 04 January 2013 by admin

धर्म संस्कृति संगम काशी सारनाथ एवं बौद्ध दर्शन विभाग सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में छात्रवृत्ति वितरण समारोह एवं एक दिवसीय ‘‘मानव जीवन मूल्य चुनौती और समाधान’’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन प्रेक्षागृह में समारोह के मुख्य वक्ता श्री इन्द्रेश कुमार (सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अ.भा.कार्यकारिणी) ने कहा कि ‘भारत भू’ विविधताओं से भरा है। समय-समय पर अनेकानेक पूजा पद्धतियों के रूप में इस भारत भूमि पर फला-फूला है। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करते हुए प्राणी मात्र में नवीन प्राण व उर्जा भरने का काम अवतारी महापुरूषों ने किया है। जाति, भाषा, पंथ का अहंकार टकराव निर्माण करता है। अपने-अपने पंथ, जाति एवं भाषा पर चलते हुए अन्य सभी का सम्मान एकता-एकात्मता, समता-समरसता को विकसित करता है। कुछ मत पंथ भारत से बाहर जन्मे हैं उन्हें भी यह साक्षात्कार करवाना आवश्यक है ताकि मतान्तरण व आतंक से उत्पन्न विनाश को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि जीवन मूल्य केन्द्रित शिक्षा आवश्यक है, यदि ये नहीं होगा तो विनाश निश्चित है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में गुरू-शिष्य सम्बन्ध लगभग समाप्त हो गये हैं। शिक्षक का पूरा ध्यान पाठ्यक्रम पर केन्द्रित होने के कारण शिक्षार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया धूमिल हो गयी है।
उन्होंने कहा कि चाहे आई.टी. का क्षेत्र हो अथवा मैनेजमेंट या मेडिकल का, सभी में सन्तोषजनक प्रगति हुई है, परन्तु युवाओं के व्यक्तित्व निर्माण की समस्या जस की तस दिखाई दे रही है। पूरे देश में विश्वविद्यालयों का जाल, विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना, केन्द्र सरकार के मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा अनेक क्रान्तिकारी कदम उठाये जा रहे हैं, जिनमें उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम, शिक्षण पद्धति, प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्मिलित हैं।
उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के पश्चात् शिक्षा में सुधार हेतु अनेक आयोगों का गठन किया गया।  मुदालियर आयोग, कोठारी आयोग, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, आचार्य राममूर्ति समिति इत्यादि ने शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हेतु अनेक महत्वपूर्ण सुझाव भी प्रस्तुत किये किन्तु अमल के रूप में परिणाम शून्य ही रहे। शिक्षा को संचालित करने वाले केन्द्र सरकार के विभाग का नाम परिवर्तित करके मानव संसाधन विकास मंत्रालय रखा गया किन्तु मानव संसाधन के विकास का विषय शायद अन्तिम पायदान तक सिमट कर रह गया। मानव को मानव बनाने वाली शिक्षा, दानव बनाने की ओर धकेलती ही नजर आयी। युवाओं की क्षमताओं का उपयोग करने के लिए प्रयास नगण्य प्रतीत हुए। युवाओं के जीवन निर्माण के स्थान पर अनुशासनहीनता, अराजकता, व्यक्तिवादिता का पलड़ा भारी दिखाई दिया। यहां भी भौतिकवाद-अध्यात्मवाद पर भारी पड़ गया। बाजारीकरण प्रभावी हो गया। शिक्षा को अर्थ की भौतिक तुला पर तोला जाने लगा।
श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नैतिकता के मूल्य तिरोहित होने लगे। विकासशील भारत में आदमी की जिंदगी और औरत की इज्जत सबसे सस्ती हो गई है। हमें चरित्रवान भारत चाहिए। हमने सरकार को हमारी सुरक्षा का अधिकार दिया था, राजा का नहीं। निजीकरण की अंधी आंधी ने शिक्षा को गुणवत्ता परिपूर्ण शिक्षा से विलग कर दिया। ज्ञान तथा मेधा की उपेक्षा हुई, आर्थिक सम्पन्नता को अधिक तरजीह दी जाने लगी। ज्ञानवान, तेजस्वी तथा यशस्वी युवा विद्यार्थी अर्थाभाव के शिकार हुए। सरकारी तन्त्र द्वारा निजी क्षेत्र को अधिक महत्व दिया जाने लगा। परिणामतः शिक्षा में गुणवत्ता का भी ह्मास होना प्रारम्भ हो गया।
श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हमें भारत की आजादी में अपनी जान की बाजी लगाने वाले क्रांतिकारियों को अपने समक्ष आदर्श के रूप में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम आज स्वदेशी के प्रयोग का संकल्प कर लें तो 10 साल बाद हम अमरीका से आगे हो जाएंगे।
विषय प्रस्तावना करते हुए प्रोफेसर यदुनाथ दुबे ने कहा कि शिक्षक, शिक्षार्थी एवं पाठ्यक्रम तीन आधार इस प्रक्रिया में हैं। शिक्षक का पुनीत कार्य शिक्षार्थी को पघना है, पाठ्यक्रम इसका माध्यम है। स्पष्ट है कि शिक्षक के लिए साध्य शिक्षार्थी है न कि पाठ्यक्रम। पाठ्यक्रम तो शिक्षक के लिए साधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है। समय परिवर्तन के साथ साधन, साध्य के रूप में परिवर्तित हो गया है। शिक्षक का केन्द्रीकरण पाठ्यक्रम तक सीमित रह गया है, शिक्षार्थी द्वितीय वरीयता क्रम में आ गया है।
मुख्य अतिथि प्रो. वी. एम. शुक्ल (पूर्व कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय) ने कहा कि शाश्वत मूल्य में गहरा हरास हुआ है। मानव मूल्य को घरों में लोग अपने माता-पिता और बुजुर्ग से सिखते थे। आज कौन सीख रहा है। आज के विद्यार्थी को भारत के स्वर्णिम इतिहास का पता नही है। आज घरों में जीवन मूल्य का वातावरण बनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शिक्षक-शिक्षार्थी सम्बन्ध लगभग समाप्त हो गये हैं। शिक्षक का पूरा ध्यान पाठ्यक्रम पर केन्द्रित होने के कारण शिक्षार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया धूमिल हो गयी है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा अथवा विश्वविद्यालयी शिक्षा में शिक्षक अपने शिक्षार्थी के व्यक्तित्व के आकलन के लिए प्रयासरत नहीं हैं। विद्यार्थी में अन्तर्निहित गुण क्या हैं, उनकी जांच, परख, तत्पश्चात् उनमें निखार लाने के लिए शिक्षकों का पास न सोच है न ही चिन्तन। यही कारण है कि शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थी का व्यक्तित्व विकास उनकी योजना का अनिवार्य अंग नहीं बन पाता है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. पी. नागजी (कुलपति महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ) ने कहा कि तकनीकि का विकास समाज के लिए कितना ठीक है, इसपर विचार होना चाहिए। आज विश्व को आठ बार नष्ट करने का परमाणु बम बना है। मानव कल्याण के लिए धर्म, संस्कृति और विज्ञान में समन्वय जरूरी है। सभी धर्मों में नैमिक मूल्य और सांस्कृतिक मूल्य मिलता है बस जरूरत हैं इनको संगठित करने की। भारत को शक्ति सम्पन्न बनने के लिए सभी धर्मों के लोगों की क्षमता को समझना होगा।
प्रो. रमेशचन्द्र नेगी ने कहा कि प्राचीन भारत की संस्कृति और परम्परा मानव मूल्य का बोध कराती थी। आज उसमे गिरावट आयी है। इसीलिए अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो रही है।
अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए प्रो. राम किशोर त्रिपाठी (सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय) ने कहा कि सभी धर्मो का उद्देश्य मानव का कल्याण है। भारत प्रकाश से युक्त देश है। ‘धर्म’ मानव मूल्य है। मानव शरीर त्याग के लिए है। शिष्य गुरू का आचरण करते है अतः गुरू का आचरण अनुकरणीय होना चाहिए। हिन्दू धर्म में जीवन का उद्देश्य धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष है, यही जीवन मूल्य है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। बौद्ध भिक्षु वृन्द द्वारा पाली मंगलाचरण, पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा वैदिक मंगलाचरण एवं कुमारी मालविका तिवारी ने पौराणिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण श्रीहर्ष सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में कुल 15 छात्र-छात्राओं श्री सरला आर्या, प्रियंका आर्या, संजीवनी आर्या, सोनम दोर्जे, गुलाब सिंह नेगी, सुनील दत्त, कृष्णकांत त्रिपाठी, ठाकुर भगत, विनित कुमार पाण्डये, विनित कुमार शर्मा, प्रवेश कुमार आदि छात्रों को नगद तीन-तीन हजार रूपये छात्रवृत्ति दी गयी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रो. नागेन्द्र पाण्डेय, डाॅ. अन्नपूर्णाशुक्ल, प्रो. परमात्मा दूबे, प्रो. मुकुल मेहता, डाॅ. हरिप्रसाद अधिकारी, दीनदयाल पाण्डेय, दिनेश जी, नागेन्द्र दूबे, डाॅ. हरेन्द्र कुमार राय, अजय परमार आदि लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. रमेश कुमार द्विवेदी (आचार्य एवं अध्यक्ष- बौद्ध दर्शन विभाग, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी) एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. माधवी तिवारी ( सचिव, धर्म संस्कृति संगम काशी सारनाथ) ने ज्ञापित किया। प्रस्तुति: 63, विष्व संवाद केन्द्र काषी, लंका, वाराणसी-221005

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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