कर्वी नगर पालिका के पूर्व अघ्यक्ष व रामायण मेला चित्रकूट के कार्यकारिणी अध्यक्ष 86 वशीZय गोपाल कृश्णा करवरिया का मेला कार्यालय में उस समय देहान्त हो गया जब वह कमरा बन्द कर अकेले सो रहे थे। करवरिया जी की मौत की खबर सुन कर सभी ने अफसोस जाहिर किया। वह अपने पीछे पूरा भरा परिवार छोड गये।
परिवारिक लोागों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिनों से मृतक गोपाल कृश्णा करवरिया को नीन्द नही आ रही थी तो उन्होने स्थानीय चिकित्सक से नीद की दवा ली थी और कल जब वह रामायण मेला ंकार्यालय में नीन्द की दवा खाकर सो रहें थे तो किसी ने उन्हें जगाना मुनासिब नही समझा जब षाम हो गई और आरती का समय हो गया तो श्री करवरिया को जगाने उनका कर्मचारी गया तो करवरिया जी ने कोई आवाज काद जवाब नही दिया तब षंका होने पर कमरे का दरवाजा तोड कर देखा तो करवरिया जी सोने कर सी स्थित में कर्वी जिला चिकित्सालय उन्ही की गाडी से लाया गया जहॉं चिकित्सक ने मृत घोशित कर दिया। श्री करवरिया तीन बार नगर पालिका कर्वी के अध्यक्ष चुने गये और वह 1973 से राम मनोहर लोहिया रामायण मेला चित्रकूट में विष्व स्तरीय रामायण मेला का आयोंजन आज तक करते चले आ रहे थे हालांकि पहले के हिसाब से बजट नही ंके बराबर मिलता था लेकिन फिर भी वह कम धन में अच्छा रामायण मेला का आयोंजन करते आ थे।
श्री करवरिया के निधन में बुन्देलखण्ड की मषहूर समाज सेविका षहरोज फातिमा ने दुख: प्रकट करते हुए कहा कि नगर ने एक रचनात्मक कार्यो के करने वाले को खो दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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